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इशहाक ने पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा को बताया कि उस ने अपनी बेटी नसरीन की शादी रिसिया थाने के गांव ईटकौरी निवासी सादिक अली के बेटे रियाज अली के साथ की थी. रियाज अली और उस का परिवार मेरी बेटी को बहुत परेशान करता था. उस को मारतेपीटते भी थे और भूखाप्यासा भी रखते थे. कभीकभी वह उसे मारपीट कर घर से बाहर निकाल देते थे. यह सब रियाज इसलिए करता था ताकि नसरीन से उस का पीछा छूट जाए.

दरअसल रियाज अली किसी दूसरी युवती से मोहब्बत करने लगा था. वह नसरीन से पीछा छुड़ा कर उस से शादी करना चाहता था. लेकिन नसरीन यातना सहने के बावजूद शौहर का साथ नहीं छोड़ना चाहती थी.

पिछले 3 साल से रियाज अली सउदी अरब में नौकरी कर रहा है. वह जब भी आता है नसरीन को मारतापीटता है और तलाक देने को कहता है. लेकिन नसरीन इस के लिए राजी नहीं थी. नसरीन की सास साजिया और ससुर सादिक अली अपने बेटे का ही साथ देते थे और नसरीन को प्रताडि़त करते थे. नसरीन कभी मायके में तो कभी ससुराल में रहती.

5 मार्च की सुबह रियाज अली का सउदी अरब से फोन आया कि अब्बा जान की तबीयत खराब है. मेराज को भेज रहा हूं, फौरन उस के साथ चली आओ. फोन पर बात होने के बाद नसरीन ससुराल जाने को तैयार हो गई. दोपहर बाद मेराज आया और नसरीन को मोटर साइकिल पर बैठा कर अपने साथ ले गया.

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लगभग 5 बजे नसरीन ने अपनी छोटी बहन राजदा खातून को फोन पर बताया कि वह ससुराल पहुंच गई है.

यह जान कर राजदा निश्चिंत हो गई. लेकिन कुछ देर बाद सउदी अरब से रियाज का फिर फोन आया. उस ने बताया कि नसरीन अभी तक घर नहीं पहुंची है.

इस पर राजदा खातून ने कहा, ‘‘तुम अपनी रिश्तेदारी में पता करो हम अपनी रिश्तेदारी में पता करते हैं. हम ने नसरीन की हर संभावित जगह पर खोज की लेकिन नसरीन का कुछ पता न चला.’’ राजदा ने आगे बताया कि दूसरे रोज जब अखबार में अज्ञात महिला की सिर कटी लाश की फोटो छपी तब हमें शक हुआ और शिनाख्त करने के लिए आ गए.

‘‘तुम्हें किसी पर शक है, जिस ने तुम्हारी बेटी की हत्या की है.’’ एस.पी. विपिन कुमार मिश्रा ने इशहाक से पूछा, ‘‘हां हुजूर, मुझे बेटी के शौहर रियाज अली और उस के परिवार पर शक है.’’

‘‘वह कैसे?’’ एस.पी. विपिन कुमार मिश्रा ने मृतका के पिता से पूछा.

‘‘हुजूर, रियाज अली दूसरी शादी करने की कोशिश में था. लेकिन मेरी बेटी नसरीन उस के रास्ते की बाधा थी. इस बाधा को दूर करने के लिए रियाज अली ने विदेश में साजिश रची और अपने भाई मेराज और मांबाप के सहयोग से मेरी बेटी की हत्या करा दी.

शव पहचान में न आए इसलिए उन्होंने सिर काट कर गायब कर दिया और शरीर से जेवर उतार लिए. हुजूर आप मेरी रिपोर्ट दर्ज कर मेरी बेटी के गुनहगारों को सजा दिलाएं. हमें और किसी चीज की चाह नहीं है.’’

इशहाक की व्यथा सुनने के बाद एस.पी. विपिन कुमार मिश्रा ने रूपईडीहा थाना प्रभारी मनीष कुमार पांडेय को आदेश दिया कि वह इशहाक की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करें और मुल्जिमों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर के कटा हुआ सिर बरामद करें. काररवाई में कोई बाधा पहुंचाए तो उसे भी गिरफ्तार कर लें.

शुरू हुईं गिरफ्तारियां

आदेश मिलते ही थाना प्रभारी मनीष कुमार पांडेय इशहाक को थाना रूपईडीहा ले आए. फिर उस की तहरीर पर भा.दं.वि. की धारा 302/ 201 के तहत मृतका के शौहर रियाज अली, ससुर सादिक अली, सास सायरा, देवर मेराज तथा फुफेरे देवर नन्हे उर्फ सलमान के खिलाफ रिर्पोट दर्ज कर ली. तत्काल नामजद आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई.

पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा को बहराइच जिले का चार्ज संभाले अभी 20 दिन ही हुए थे कि उन्हें कई हत्याओं का खुलासा करने की चुनौती स्वीकार करनी पड़ी. इन में नसरीन की हत्या खास थी. नसरीन के गुनहगारों को पकड़ने के लिए उन्होंने ए.एस.पी रवींद्र सिंह की निगरानी में एक पुलिस टीम गठित कर दी. टीम में रूपईडीहा थाना प्रभारी मनीष कुमार शर्मा, सब इंस्पेक्टर ए.के. सिंह, सी.ओ. जंग बहादुर सिंह तथा एस. ओ.जी. प्रभारी मधुप नाथ मिश्रा को शामिल किया गया.

पुलिस टीम ने सब से पहले घटना स्थल का मुआयना किया. साथ ही कटा सिर खोजने का प्रयास भी किया. इस टीम ने मृतका के पिता इशहाक, बहन राजदा खातून तथा खेत मालिक सुरेंद्र प्रताप सिंह का बयान भी दर्ज किया. अब तक पुलिस टीम को मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक मृतका के साथ दुराचार नहीं हुआ था. न ही उस के साथ मारपीट की गई थी. उस की मौत गला रेतने से हुई थी.

पुलिस टीम के लिए मृतका के शौहर रियाज अली को गिरफ्तार करना आसान नहीं था क्योंकि वह सउदी अरब में था. पुलिस टीम ने अन्य नामजद अभियुक्तों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और 11 मार्च को रात 10 बजे रिसिया थाने की पुलिस के साथ इटकौरी गांव में सादिक अली के घर पहुंची, लेकिन उस के घर के दरवाजे पर ताला पड़ा था.

सादिक अली अपनी पत्नी सायरा तथा पुत्र मेराज के साथ फरार था. पुलिस टीम खाली हाथ लौट आई. इस के बाद पुलिस टीम ने अन्य हत्याभियुक्तों को पकड़ने के लिए कई संभावित जगहों पर छापा मारा, लेकिन वह पुलिस गिरफ्त में नहीं आए. इस के बाद एस.ओ.जी. प्रभारी मधुप नाथ मिश्रा ने हत्यारोपियों को पकड़ने के लिए अपने खास मुखविरों का जाल बिछाया.

13 मार्च 2020 की रात 8 बजे एस.ओ.जी. प्रभारी मधुप नाथ मिश्रा को उन के खास मुखविर द्वारा सूचना मिली कि नसरीन की हत्या के नामजद आरोपी पीर मड़ंग बाबा की मजार पर मौजूद है.

मुखविर की सूचना पर विश्वास कर पुलिस टीम सादे कपड़ों में मजार पर पहुंची और नाटकीय ढंग से सादिक अली, उस के पुत्र मेराज और भांजे नन्हे उर्फ सलमान को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सादिक अली की पत्नी सायरा नकाब डाल कर पुलिस को चकमा दे गई. उन तीनों को बंदी बना कर थाना रूपईडीहा लाया गया.

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पुलिस टीम ने मेराज, सादिक अली तथा नन्हे उर्फ सलमान से जब नसरीन की हत्या के बारे में पूछा, तो वे तीनों मुकर गए जब पुलिस ने थोड़ी सख्ती दिखाई तो वे टूट गए और नसरीन की हत्या का जुर्म कबूल कर लिया.

मेराज ने बताया कि भाभी नसरीन की हत्या की साजिश उस के शौहर रियाज अली ने सउदी अरब में रची थी. इस योजना में उस ने मातापिता के अलावा फुफेरे भाई नन्हे उर्फ सलमान को भी शामिल कर लिया.

‘‘तुम लोगों ने नसरीन का कटा सिर, आभूषण और आला कत्ल कहां छुपाया है?’’ एस.ओ.जी. प्रभारी मधुप नाथ मिश्रा ने पूछा. तो मेराज बोला, ‘‘साहब, नसरीन का कटा सिर हम ने सरयू नदी में फेंक दिया था और गहने और आला कत्ल घर में छुपा रखा है.’’

यह पता चलते ही पुलिस टीम मेराज को साथ ले कर रात में ही उस के गांव इटकौरी स्थित उस के घर पहुंची.

मेराज की निशानदेही पर पुलिस ने उस के घर से आला कत्ल चाकू और पायल, बाली, मांग टीका, हाथ फूल, अंगूठी, नाक की कील आदि चीजों के साथसाथ मोबाइल फोन, वोटर कार्ड और  आधार कार्ड भी बरामद किया. इस के अलावा खून लगी शर्ट, हत्या में इस्तेमाल मोटर साइकिल भी बरामद कर ली. बरामद सामान को जाब्ते की काररवाई में शामिल कर लिया गया.

14 मार्च, 2020 की सुबह पुलिस हत्यारोपियों को साथ ले कर उस स्थान पर पहुंची जहां उन्होंने मृतका नसरीन का कटा सिर सरयू नदी में फेंका था. पुलिस ने कई गोताखोरों को नदी में उतारा, लेकिन गोताखोर कटा सिर नहीं खोज पाए. हताश हो कर पुलिस टीम थाने लौट आई. पुलिस ने फरार सायरा को भी पकड़ने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन वह गिरफ्त में नहीं आई.

नहीं मिला सिर

थाना प्रभारी मनीष कुमार पांडेय ने नसरीन के हत्यारों को पकड़ने तथा आला कत्ल बरामद करने की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो वह थाना रूपईडीहा आ गए. पुलिस अधिकारियों ने कातिलों से विस्तृत पूछताछ की, फिर पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा ने प्रैस में कातिलों को मीडिया के सामने पेश कर केस का खुलासा कर दिया.

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बहराइच जिले के फरवरपुर थाना क्षेत्र में एक गांव है, औसान पुरवा. मुस्लिम बाहुल्य इस गांव में इशहाक अपने परिवार के साथ रहता था. उस के परिवार में पत्नी साजिया के अलावा 2 बेटियां नसरीन और राजदा खातून थीं. इशहाक के पास जमीन नाममात्र की थी. वह दूसरों की जमीन पर काम कर अपने परिवार का भरणपोषण करता था. इशहाक गरीब जरूर था, लेकिन दिल का पाक साफ था.

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