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(कहानी सौजन्य-मनोहर कहानियां)

अंजलि की यह बात राकेश को बुरी नहीं लगी, बल्कि उसे उस पर और भी प्यार उमड़ आया था. अंजलि की एक खास सहेली खुशबू थी, वह अपने दिल की हर बात उसी से शेयर करती थी. उस ने उसे यह भी बता दिया था कि राकेश उस पर फिदा है.

राकेश ने जब देखा कि उस की दाल नहीं गल रही है तो उस ने उस की सहेली खुशबू को पटा कर उसे सीढि़यां बनाया. राकेश ने खुशबू से अंजलि तक अपने प्यार का पैगाम भिजवा दिया.

खुशबू ने अंजलि के सामने राकेश की ऐसी जोरदार वकालत की कि उस ने राकेश के प्यार को स्वीकृति दे दी. पते की बात यह थी कि राकेश ने खुशबू से भी अपने शादीशुदा होने की बात छिपा ली थी. खुशबू के जरिए राकेश और अंजलि एकदूसरे के करीब आए. दोनों ही एकदूसरे से प्रेम करने लगे थे.

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राकेश अंजलि का पहला प्यार था. उस का प्रेम निश्छल और पाकीजा था. वह उसे जीजान से प्यार करने लगी थी. जबकि राकेश शातिर और छलिया था. उसे अंजलि से नहीं बल्कि उस के गोरे बदन से प्रेम था. वह सिर्फ उस के जिस्म का भूखा था और जिस्मानी रिश्ता बना कर उसे छोड़ देना चाहता था.

इस के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार था. उस ने उस के सामने शादी का प्रस्ताव रखा तो अंजलि उस के इस प्रस्ताव को ठुकरा नहीं सकी और शादी के लिए हां कर दी. इधर अंजलि के मांबाप ने उस की शादी झांसी के एक इंजीनियर के साथ पक्की कर दी थी. यह बात अंजलि को तब पता चली जब उसे गोदभराई की तारीख बताई गई. यह सुन कर अंजलि को झटका लगा. अपने प्यार की बात वह मांबाप से बताने ही वाली थी कि उसे अपनी शादी तय होने की खबर मिल गई.

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