Family Story in Hindi: लक्ष्मी और श्रीनिवास ने लवमैरिज की थी. पर कुछ समय के बाद ही श्रीनिवास बदल गया था. लक्ष्मी अपने पति को गलत रास्ते पर जाने से न रोक सकी, लेकिन वह अपने सपनों को भी नहीं मरने देना चाहती थी. क्या थे उस के सपने और क्या लक्ष्मी का पति सही रास्ते पर आ पाया? लक्ष्मी अपने हाथ में एक खुला खत लिए हुए खड़ी थी और थरथर कांप रही थी. उस ने घबराते हुए टिकटिक करती हुई घड़ी की तरफ नजर फेंकी. 5 बजने में 35 मिनट बाकी थे. वह फिर से खत देखने लगी. लक्ष्मी देख रही थी कि टेढ़ेमेढ़े अक्षरों में क्या लिखा है, क्या वह इस समय भी पहुंच सकती है? हां, अभी समय है. वह मौके पर पहुंच सकती है. उस ने झपट कर सोफे पर पड़ा हुआ हैंडबैग उठाया और तेजी से बाहर निकली.
घर के सामने ही लक्ष्मी की स्कूटी खड़ी थी. उस ने तेजी से स्कूटी स्टार्ट की और गुलाब बाग की ओर चल पड़ी. उसे रास्ते की भीड़ पर गुस्सा आ रहा था.
फिर भी लक्ष्मी की स्कूटी सनसनाती हुई भीड़भाड़ से भरी सड़कों से गुजरने लगी. लक्ष्मी बारबार घड़ी देख रही थी. समय बड़ी तेजी से निकल रहा था. साढ़े 4 हुए, फिर पौने 5 और अब 4 बज कर 50 मिनट. बस, 10 मिनट और... गुलाब बाग थोड़ी दूर है. ट्रैफिक भी कितना है कि वह कैसी मरी चाल से चला पा रही है स्कूटी को.
4 बज कर 55 मिनट पर लक्ष्मी गुलाब बाग के बड़े दरवाजे पर पहुंची. वहां एक मीटिंग हो रही थी. चारों तरफ नीले झंडे लगे हुए थे.