सब्जी बेचने वाली और निम्नमध्यम परिवार की डा. नौहेरा शेख ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वो एक दिन 5000 करोड़ की संपत्ति वाले देश के जानेमाने हीरा ग्रुप औफ कंपनी की संस्थापक चेयरमैन और सीईओ के रूप में जानी जाएगी. देश के कई राज्यों में उस की कंपनी के आलीशान दफ्तर होंगे और वह देश और दुनिया में होने वाले बड़ेबड़े जलसों में शिरकत करेगी. जमीन से उठ कर बुलंदियों को छूने वाली नौहेरा शेख की उड़ान अभी बाकी थी. वह चाहती थी कि उस का हीरा ग्रुप और ज्यादा उन्नति करे और उस की कंपनी का पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी परचम लहराए. इसीलिए वह प्रयासरत थी. लेकिन अचानक ही उस पर गर्दिश के ऐसे बादल फटे कि वह अब अलगअलग राज्यों की जेल की सलाखों के पीछे अपना वक्त गुजार रही है.

डा. नौहेरा शेख आखिर कौन है और ऐसा क्या हुआ कि वह अचानक ही अर्श से फर्श पर आ गई. इसे समझने के लिए पहले नौहेरा के बारे में जानना जरूरी है.

नौहेरा बेगम का जन्म तिरुपति के एक सामान्य मध्यमवर्गीय शेख नानेसाहेब के परिवार में हुआ था. उस की मां शेख बिल्किस एक घरेलू महिला थीं. नौहेरा शेख उन की एकलौती संतान थी. उस ने अपनी शुरुआती शिक्षा इसलामिक मदरसे से पूरी की. घर में जब आर्थिक तंगी हुई तो शेख बिल्किस सब्जी व फैल बेचने लगी. बाद में नौहेरा शेख ने भी अपनी मां के साथ सब्जी व फल बेचने का काम शुरू किया.

कई सालों तक यही काम करने के साथसाथ उस ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और उच्चशिक्षा हासिल कर ली. बाद में उस ने ओपन इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी कोलंबो से पीएचडी की डिग्री भी हासिल कर ली. अब वह डा. नौहेरा शेख बन गई थी.

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