‘‘एक दिन रात के 10 बजे एक डाक्टर जब अपना क्लिनिक बंद कर के घर लौट रहे थे, तो रास्ते में उन्होंने देखा कि एक लड़की के साथ कुछ लफंगे जबरदस्ती कर रहे थे. वह लड़की ‘बचाओबचाओ’ चिल्ला रही थी. डाक्टर ने उस लड़की की मदद करने के मकसद से अपनी कार रोकी. कार के रुकते ही लफंगे भाग खड़े हुए.

डाक्टर ने उस लड़की की हिम्मत बंधाते हुए कहा, ‘‘कहां जाना है आप को? चलो, मैं छोड़ देता हूं.’’

वह लड़की तैयार हो गई. पर कुछ देर बाद ही उस लड़की ने शोर मचाना शुरू कर दिया. डाक्टर सकते में आ गए.

लड़की ने कहा, ‘‘आप मुझे 5 हजार रुपए दें, वरना मैं अपने कपड़े फाड़ लूंगी और आप पर इलजाम लगा दूंगी कि आप मुझे लिफ्ट देने के नाम पर मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे थे.’’

डाक्टर ने 5 हजार रुपए दे कर उस लड़की से अपना पीछा छुड़ाया.

*  ‘‘भाई साहब, जरा रुकिए...’’ अंधेरी रात में मोटरसाइकिल पर जा रहे एक नौजवान को जब किसी लड़की ने पुकारा, तो उस ने जोर से ब्रेक लगा कर अपनी मोटरसाइकिल रोक दी और पूछा, ‘‘कहिए?’’

उस लड़की ने रोते हुए कहा, ‘‘मेरा भाई बहुत बीमार है. मुझे जल्दी घर पहुंचना है. मेरी मदद कीजिए. आप मुझे घर तक छोड़ देंगे, तो भगवान आप का भला करेगा.’’

यह सुन कर वह नौजवान पसीज गया और अपनी मोटरसाइकिल पर उसे लिफ्ट दे दी.

वह नौजवान जब रास्ते पर आगे बढ़ा, तो सुनसान इलाका आते ही एक मोटरसाइकिल पर सवार 2 लड़के पीछे से आए और आगे आ कर उन का रास्ता रोक लिया.

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