आखिरकार 4 फरवरी  2021 को पुलिस यह उजागर करने में कामयाब हुई कि मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जहरीली शराब पीने से 13 गांवों के 28 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन इसके जिम्मेदार कौन-कौन लोग हैं?

गौरतलब है कि जनवरी, 2021 के तीसरे हफ्ते में मुरैना में जहरीली शराब पीने से सिलसिलेवार हुई इन मौतों पर खासा हाहाकार मचा था. नतीजतन, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 जनवरी, 2021 को सख्त तेवर दिखाते हुए सरकारी अफसरों के कान एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरीए उमेठते हुए हिदायत दी थी कि नाजायज शराब के इस कारोबार को जैसे भी हो खत्म किया जाए और आइंदा अगर नाजायज शराब से राज्य में मौतें हुईं, तो सीधे तौर पर कलक्टर समेत पुलिस और आबकारी महकमों के अफसर इसके जिम्मेदार होंगे.

इस फटकार के बाद राज्य में हड़कंप मच गया और जगह-जगह मारे गए छापों में नशे के कारोबार में लगे कई लोग गिरफ्तार किए गए. रायसेन जिले के सुलतानपुर थाना इलाके के गांव सेमरा कलां में पुलिस टीम पहुंची, तो वहां सन्नाटा पसरा था, क्योंकि छापेमारी की खबर नाजायज शराब बनाने और बेचने वालों को पहले ही न जाने कौन से जादू के जोर से लग चुकी थी. पुलिस के हाथ तकरीबन 5,500 लिटर लहान यानी गुड़ का घोल लगा जो शराब बनाने में इफरात से इस्तेमाल होता है.

2 फरवरी 2021 को भोपाल से महज 30 किलोमीटर दूर तरावली और करारिया गांवों से रिकौर्ड 21,000 लिटर महुए का घोल पुलिस वालों ने जब्त किया था, जिसे ड्रमों में भर कर जमीन में गाड़ कर रखा गया था. एक दूसरी बड़ी कार्यवाही में पुलिस ने इंदौर के तकरीबन आधा दर्जन ढाबे ढहा दिए जहां नाजायज शराब बिकती थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 महीना)
USD2
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...