पुलिस ने इस पर मामला दर्ज किया और जांच-पड़ताल प्रारंभ हो गई पुलिस ने कथित रूप से आरोपी नोएडा से पकड़ा है. प्रीति ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी ने उन्हें छत्तीसगढ़ जोनल डिस्ट्रीब्यूटर बनाने का झांसा देकर 16 करोड़ की ठगी की है.
प्रीति ने पेंटल टेक्नोलॉजी इंडिपेन्टेड टीवी कंपनी के हेड अतुल मिश्रा, विवेक प्रकाश और अजय राठौर सहित कई डायरेक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई . प्रीति के अनुसार उनको प्रलोभन दिया गया था कि 500 चैनलों का प्रकाशन और पूरे प्रदेश में रिटेलर रूप में लाखों रुपए कमीशन मिलेगा. आरोपियों ने अलग-अलग बैंक खातों में 16 करोड़ रूपये जमा करा लिए बाद में उन्हें अहसास हुआ की उसके साथ ठगी हो गयी है. पुलिस के अनुसार ऐसे ही देश भर के हजारों लोगों को ठगा गया है.
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घटना के बाद रायपुर पुलिस से उपनिरीक्षक सेराज खान के नेतृत्व में 4 सदस्यीय टीम बनाकर नोएडा भेजी गई जहां विवेक प्रकाश को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर कार्रवाई की जा रही है.
कैसे “फांसा” गया प्रीति को
इस संपूर्ण प्रकरण में चकित करने वाली बात यह सामने आई है कि ठगी करने वाला बेहद नफासत और शान से अपना जीवन नोएडा जैसी भव्यतम सिटी में व्यतीत कर रहा था.
प्रीति मूंदड़ा ने कुछ महीने पहले चारों तरफ से थक हार और निराश होकर रायपुर के गुढ़ियारी थाना में अपनी फरियाद को शिकायत के रूप में शिकायत दर्ज करवाई .
“करोड़ों रुपए” देकर क्या अच्छे समय का इंतजार
प्रीति मुंदड़ा और उसके परिवार को यह प्रतीत हो रहा था की करोड़ों रुपए इन्वेस्ट करके आने वाले समय में उनका भविष्य सुखद और सुखमय बन जाएगा. ऐसा कुछ नहीं हुआ और ठगे जाने के बाद प्रीति मुद्रा की रिपोर्ट दर्ज होने के साथ ही पुलिस सक्रिय हुई छानबीन विवेचना प्रारंभ हुई. विवेक प्रकाश पेंटल टेक्नोलाजी इंडिपेन्टेड टी.वी. नाम की कंपनी चलाता है. यह एक जिस तरह से डिश और टाटा स्काय अपनी सेवाएं देते हैं, विवेक की कथित कंपनी भी ऐसी ही सर्विस देने का दावा करती रही. इनके सेट टॉप बॉक्स और डिश एंटिना भी बाजार में मिल रहे थे.
इतनी बड़ी राशि की हेराफेरी की वजह से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने का एक्शन प्लान बनाया. एक साल से भी अधिक वक्त से आरोपी विवेक को तलाशने का काम जारी था. पुलिस टीम को पता चला कि विवेक नोएडा में रह रहा है. सब इंस्पेक्टर सेराज खान के साथ 4 लोगों की टीम जिला गौतम बुद्ध नगर (उ.प्र.) के नोएडा चली गई. टीम ने आरोपी विवेक का पता ढूंढ लिया और अंततः उसे गिरफ्तार करके छत्तीसगढ़ ले आई.