30 जनवरी, 2019 की शाम की बात है. मध्य दिल्ली के पहाड़गंज में चूनामंडी इलाके की गली नंबर 5 के प्रथम  तल स्थित मकान नंबर 2860 के बाहर भारी मात्रा में पुलिस तैनात थी. पुलिस ने यहां रहने वाले संजय सचदेव नाम के शख्स को हिरासत में लिया था. संजय सचदेव इस मकान में एक शेल्टर होम चलाता था. यहीं पर उस ने अपनी संस्था का अस्थाई औफिस भी बनाया हुआ था. पुलिस की इस काररवाई की भनक जल्द ही पूरे इलाके में सनसनी बन कर फैल गई. आननफानन में उस मकान के आगे लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

हर कोई जानना चाहता था कि इलाके में जिस इंसान को एक बड़े समाजसेवी की नजर से देखा जाता था, उसे पुलिस ने आखिर किस जुर्म में गिरफ्तार किया है. संजय सचदेव के छापे और उसे गिरफ्तार करने की सूचना मीडिया में भी जंगल की आग की तरह फैली, जिस के बाद पहाड़गंज के उस ठिकाने पर मीडिया के लोगों का भी हुजूम उमड़ आया.

दरअसल, संजय सचदेव ‘लव कमांडो’नाम से एक ऐसी संस्था चलाता था, जो उन प्रेमी जोड़ों को तथाकथित रूप से पनाह देती थी, जिन्हें समाज या अपने घरपरिवार वालों से जान का खतरा हो. ऐसे जोड़ों की एनजीओ में रहने की भी व्यवस्था थी. लेकिन यह केवल दिखावा भर था, सच्चाई कुछ और ही थी.

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आइए पहले इस संस्था के बारे में जान लें. साल 2001 में संजय सचदेव ने फरवरी महीने में अपने कुछ साथियों के साथ वैलेंटाइंस पीस कमांडो नाम का संगठन बनाया. दरअसल, वैलेंटाइंस डे करीब आते ही कुछ कट्टरपंथी संगठन दिल्ली व दूसरे महानगरों में प्रेमियों को यह त्यौहार मनाने पर बंदिशें लगा देते थे.

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