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सौजन्य:  मनोहर कहानियां

नरेशपाल त्यागी न सिर्फ बड़े कौन्ट्रैक्टर थे बल्कि अपने भांजे विधायक अजीतपाल त्यागी के राजनीतिक सलाहकार भी थे. विधायक अजीत त्यागी भी अपने घर वालों के बजाय मामा नरेश त्यागी को ज्यादा अहमियत देते थे. विधायक के बड़े भाई गिरीश त्यागी ने ऐसी साजिश रची कि...

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में महानगर की पौश कालोनियों में शुमार लोहिया नगर में सुबह की सैर करने वालों की हलचल शुरू हो चुकी थी. मूलरूप से निवाड़ी थाना क्षेत्र के गांव सारा के रहने वाले नरेश त्यागी (60) पत्नी व 2 बेटों अभिषेक त्यागी उर्फ शेखर एवं अविनाश त्यागी उर्फ शैंकी के साथ पिछले 30 सालों से लोहिया नगर में रह रहे थे. वह नगर निगम, पीडब्लूडी समेत कई सरकारी विभागों में कौन्ट्रैक्टर थे.

उम्र बढ़ने के साथ वह अपनी सेहत को ले कर काफी संजीदा थे, इसलिए खुद को चुस्तदुरुस्त और स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने सुबह की सैर को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया था.

लोहिया नगर में ज्यादातर कोठियां और बंगले पूर्व नौकरशाहों और राजनीति से जुड़े लोगों के हैं, इसलिए इलाके में एक बड़ा सा पार्क भी है. इसी औफिसर पार्क में इलाके के लोग सुबह की सैर के लिए जाते हैं.

9 अक्तूबर, 2020 की सुबह के करीब पौने 6 बजे का वक्त था. हमेशा की तरह नरेश त्यागी अपने घर से निकले और करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित लोहिया नगर के औफिसर पार्क की तरफ जा रहे थे. नरेश त्यागी जैसे ही पूर्व सांसद के.सी. त्यागी की कोठी के सामने स्थित पार्क के पास पहुंचे तो उसी समय ग्रे कलर की स्कूटी उन के पास आ कर रुकी. पल भर के लिए वह ठिठक गए.

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