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सौजन्य:  मनोहर कहानियां

विपिन शर्मा मोदी नगर सौंदा रोड का रहने वाला था, जबकि अर्पण चौधरी गांव खुशहाल, गुलावठी का रहने वाला था. विपिन और अर्पण मोदीनगर में एक साथ पढ़े थे, उन की पुरानी दोस्ती थी. दोनों ही सुपारी ले कर हत्या करने के पेशे से जुड़े थे.

विपिन मनोज के साथ जितेंद्र को भी जानता था. इसी कारण साजिश करने वालों और सुपारी किलर की कडि़यां आपस में जुड़ गई थीं. विपिन अपनी बहन के साथ दिल्ली के अशोक नगर में रहता था. दोनों जितेंद्र को पहले से जानते थे.

जितेंद्र से उन्होंने इस काम के लिए 5 लाख मांगे. लेकिन बाद में सौदेबाजी करने के बाद 2 लाख रुपए में हत्या करने की बात तय हो गई. जितेंद्र ने विपिन तथा अर्पण को 50 हजार रुपए एडवांस दे दिए और  कहा कि जल्द ही मनोज के हाथों इस काम को करने के लिए हथियार उन तक भिजवा देगा.

जितेंद्र ने दोनों को नरेश त्यागी की फोटो दे दी साथ ही यह भी बता दिया कि वह हर सुबह साढ़े 5 बजे से 6 बजे के बीच लोहिया नगर के औफिसर पार्क में घूमने के लिए जाता है. उस ने एक दिन सुबह के वक्त दोनों को अपने साथ कार में ले जा कर नरेश त्यागी को दिखा भी दिया.

हत्यारों तक पहुंचाए हथियार

जितेंद्र ने मनोज के जरिए दोनों को एक .30 बोर का पिस्तौल तथा एक तमंचा और कुछ कारतूस भिजवा दिए थे. साथ ही जितेंद्र ने बता दिया कि काम होने के बाद वे उस से संपर्क न करें बल्कि मनोज को मैसेज भेज कर काम होने की बात बता दें. उन की बाकी की डेढ़ लाख की रकम उन्हें पुहंचा दी जाएगी.

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