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उस के जाने के बाद काफी समय तक उस की उपस्थिति का एहसास नरसिंह को होता रहा. बातबात पर खनकती हंसी कानों में सुनाई देती रही. जब भी दुकान पर किसी औरत की आवाज सुनता, उसे लगता रितु ही बोल रही है. उस रोज नरसिंह के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी.उसी दिन रात को वाट्सऐप मैसेज आया, ‘हैलो! गुड नाइट!!’’नरसिंह उसे अभी पढ़ ही रहा था कि एक और मैसेज आ गया, ‘स्वीट मीटिंग विद रेनी डे... यादगार बन गया!’नरसिंह समझ गया कि मैसेज किस ने भेजा है. उस ने भी रितु का नंबर ‘आर रेनीडे’ नाम से सेव कर लिया और उसे लव चिह्न का जवाबी मैसेज भी भेज दिया.

दूसरी प्रेमिका रानी से जलती थी रितु

प्रेम की पहली सफलता मिलने के बाद नरसिंह रितु के साथ अकेले में मिलने का मौका निकालने लगा. यहां तक कि उसे अपने घर पर भी बुलाने लगा. पत्नी से परिचय करवाया. उस के शादीशुदा होने पर पत्नी ने उन की मुलाकातों पर संदेह नहीं किया. दोनों बाहर भी मिलनेजुलने लगे.कुछ दिनों में ही दोनों ने महसूस किया कि उन को अपनेअपने जीवनसाथी से मिलने वाली खुशी इस नए प्रेम संबंध से मिल रही है.उन की प्रेम कहानी सरपट दौड़ती रही. कहीं कोई बाधा नहीं और न ही एकदूसरे से शिकायतें. किंतु उस में खलल तब पड़ गई, जब 3 साल पहले नरसिंह ने अपने मैडिकल स्टोर पर सीहोर की रानी नाम की युवती को सेल्सगर्ल के रूप में नौकरी पर रख लिया. वह मात्र 20 साल की कुंवारी थी. जबकि रितु की उम्र बढ़ने के साथसाथ उस की चंचलता और मादकता में कमी आ गई थी.

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