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सौजन्य- सत्यकथा

मध्य प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर शहर का उपनगरीय इलाका रांझी पूरे देश में व्हीकल फैक्ट्री के लिए जाना जाता है, जहां पर भारतीय सेना के उपयोग में आने वाले व्हीकल का निर्माण किया जाता है. रांझी के झंडा चौक के पास ही नंदकिशोर वंशकार का परिवार रहता है. नंदकिशोर की रांझी के बाजार में एक छोटी सी दुकान है, जिस में वह टूव्हीलर वाहनों के सीट कवर बनाने का काम करता है.

नंदकिशोर के परिवार में उस की पत्नी सुधा, 2 बेटे और 2 बेटियां खुशबू और आरजू थीं. 23 साल की बड़ी बेटी खुशबू मौडर्न खयालों की थी, जिसे सजनेसंवरने के साथ घूमनेफिरने का भी शौक था.

मई 2021 की 31 तारीख की बात थी. दोपहर के करीब डेढ़ बजे का समय था. खुशबू अपनी मां सुधा से बोली, ‘‘मम्मी लौकडाउन की वजह से कई दिनों से मैं घर से बाहर नहीं निकल पाई, इसलिए आज ब्यूटीपार्लर जा रही हूं.’’

सुधा बेटी की फितरत जानती थी इसी वजह से उस ने यह कहते हुए खुशबू को ब्यूटीपार्लर जाने की अनुमति दे द

ी कि जा तो रही है, लेकिन जल्दी घर आ जाना.

इस के बाद खुशबू इठलाती हुई ब्यूटीपार्लर जाने की बोल कर घर से निकल गई और सुधा खाना बनाने में व्यस्त हो गई.

रात के 8 बजे तक जब खुशबू घर नहीं लौटी तो सुधा परेशान हो गई. सुधा ने जब खुशबू के मोबाइल पर काल किया तो उस का फोन स्विच्ड औफ बता रहा था. उस ने अपनी छोटी बेटी आरजू को आसपास के घरों में खुशबू को खोजने के लिए भेज दिया.

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