रस्सी से झूलती मिली परिधि सभी की आंखों में खौफ उतर आया. जितेंद्र जैन ने कांपते हुए कई चाबियोंं से गौरव के कमरे का ताला खोलने की कोशिश की. लेकिन ताला नहीं खुला. आखिर ताला तोड़ना पड़ा.
अंदर पहुंचे तो भयावह दृश्य देख कर सभी सन्न रह गए. परिधि का गला कई सारी रस्सियों से कसा हुआ था और उस की जीभ बाहर निकली हुई थी. रस्सियों से बंधे हुए हाथपैरों के साथ परिधि खिड़की से लटकी हुई थी. लगता था वारदात को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी.
बेटी की दुर्दशा देख कर अजय वहीं लड़खड़ा गए. इस से पहले कि वो पत्नी संजना को संभालते, वो वहीं गश खा कर गिर पड़ी.घटना इतनी भयावह और दहलाने वाली थी कि पलभर में आग की तरह पूरे शहर में फैल गई. इत्तला मिलने पर कोतवाली पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने के लिए उमड़ती भीड़ के बीच रास्ता बनाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी.
पुलिस पहुंचने से पहले रोतेबिलखते घर वाले बच्ची को अस्पताल ले जा चुके थे, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.डाक्टर भी एक बार तो फटीफटी आंखों से परिधि की हालत को देखते रह गए. उन के मुंह से निकले बिना नहीं रहा, ‘ऐसी दरिंदगी तो कोई वहशी नरपिशाच ही कर सकता है.’
लड़की की मौत की खबर ने भड़की हुई भीड़ के गुस्से की आग में घी का काम किया. पुलिस तितरफा चक्रव्यूह में घिरी हुई थी.
एक तरफ पुलिस अधिकारियों को घटनास्थल का मुआयना कर तफ्तीश में जुटना था, दूसरी तरफ थाने का घेराव और प्रदर्शन पर उतारू लोगों की समझाइश करनी थी, तीसरी तरफ आरोपी को पकड़ने के लिए दबिश देने की काररवाई करनी थी. लेकिन समाज बंधुओं, व्यापारिक संगठनों तथा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के उग्र प्रदर्शन ने पुलिस के हाथपांव फुला दिए.
कोतवाली से अजय जैन के मकान का फासला 15 मिनट से ज्यादा का नहीं है. प्रदर्शनकारियों की उमड़ती भीड़ से पहले ही थानाप्रभारी हंसराज मीणा, सीओ अमर सिंह राठौड़, एडिशनल एसपी राजेश मील और प्रवीण जैन ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए. तब तक एफएसएल टीम भी अपने काम में जुटी रही.
बेटी के शव के पास रोतेबिलखते अजय जैन और संजना से पूछताछ करना पुलिस के लिए आसान नहीं था. उन के रुंधे गले से एक ही बात निकल रही थी, ‘‘जिस पर विश्वास किया उसी ने विश्वास की हत्या कर दी.’’
फिर भी पुलिस जितना कुछ जान सकी, उस का लब्बोलुआब यह था कि रोजाना गौरव के पास परिधि की 3 और सहेलियां भी ट्यूशन पढ़ने जाती थीं, उस दिन केवल परिधि को ही बुलाया गया था. घर के लोग शादी में गए हुए थे, गौरव अकेला ही घर पर था.अजय जैन का कहना था कि गौरव को पता होगा कि परिवार को शादी में जाना था. परिवार के लोग शादी में गए हुए थे, इस का उस ने फायदा उठाया और एक्स्ट्रा क्लास का बहाना कर परिधि को अकेले ही बुला लिया.
पुलिस तफ्तीश में वहां मौजूद समाज के लोग और घर वाले इस बात पर अड़े थे कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाएगा, न तो शव का पोस्टमार्टम होने दिया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बाद में एसपी केसर सिंह शेखावत ने मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाया, तब कहीं जा कर परिधि के शव का पोस्टमार्टम हो सका. पोस्टमार्टम मैडिकल बोर्ड द्वारा कराए जाने के बाद उस का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
अंतिम संस्कार के समय अजय दंपत्ति का विलाप सभी को बेहाल कर रहा था. 9 जनवरी को जिस बेटी का जन्मदिन मनाया, उन्हीं हाथों से 13 फरवरी को उस का अंतिम संस्कार कर रहे थे.
को कोटा बंद का आह्वान किया. उसी बीच इस हत्याकांड के विरोध में शहर के विभिन्न स्कूलों और सापरिधि की हत्या के विरोध में समाजबंधु, व्यापारिक संगठनों और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों का कोतवाली के सामने धरना बरकरार था. उन्होंने सोमवार माजिक संगठनों ने कैंडल मार्च भी निकाला.