सौजन्य- सत्यकथा

लेखक- शाहनवाज

कोरोना लौकडाउन के बाद धंधेबाजों ने देह व्यापार के तरीके जरूर बदल दिए हैं, लेकिन उन का मकसद एक ही होता है, लड़कियों के साथ एंजौय करना. कोरोना वायरस का असर कम होते ही देह कारोबार के अड्डे आबाद होने लगे. लोगों का आवागमन शुरू हुआ नहीं कि सेक्स वर्कर लड़कियां, उन के दलाल और मानव तसकरी जैसे धंधे में लगे लोगों की सक्रियता बढ़ गई. दिल्ली से सटे फरीदाबाद में ऐसे मामलों की सूचना मिलते ही पुलिस बल ने भी मुस्तैदी दिखाते हुए देह के धंधेबाजों को धर दबोचा. मौके से महीने भर में दर्जनों लड़कियां भी पकड़ी गईं.

फरीदाबाद में नीलम बाटा रोड से करीब 8 किलोमीटर दूर बल्लभगढ़ के रहने वाले 48 वर्षीय आलोक को उन के जन्मदिन के बारे मे खास दोस्त प्रदीप ने याद दिलाया. वे तो भूल ही गए थे कि 4 दिनों बाद उन का जन्मदिन आने वाला है. वह फरीदाबाद के बाटा की मार्किट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट (प्रधान) हैं.

अपना रोज का काम निपटा कर 25 जुलाई, 2021 की रात को अपनी गाड़ी में घर की ओर निकले थे. कान में इयरबड्स लगाए म्यूजिक का आनंद ले रहे थे और गाड़ी भी ड्राइव कर रहे थे. तभी उन के कान में किसी के फोन की रिंग सुनाई दी. उन्होंने सामने रखे मोबाइल पर नजर डाली. काल उन के खास दोस्त प्रदीप की थी.

‘‘हैलो भाई, कैसा है तू? 2 हफ्ते हो गए, कोई खबर नहीं मिल रही है. कहां बिजी है आजकल?’’ आलोक शिकायती लहजे में बोले.

‘‘मैं ठीक हूं. बता तू कैसा है? और सुन लौकडाउन खत्म होने के बाद लगता है बिजी मैं नहीं तू हो गया है’’ प्रदीप भी उसी अंदाज में बोले.

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