लेखक- बृहस्पति कुमार पांडेय

इन इश्तिहारों में बिना पता लिखे कुछ मोबाइल नंबर भी दिए होते हैं जिन में कुछ घंटों में ही हजारों रुपए कमाने के दावे भी किए जाते हैं.

मैं ने भी इस तरह के तमाम इश्तिहार कई बार अखबारों में देखे हैं, लेकिन एक दिन मेरी नजर उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के रेलवे स्टेशन रोड के कुछ मकानों पर चिपके पोस्टरों पर पड़ी. उन पोस्टरों पर मेरा ध्यान इसलिए चला गया क्योंकि उन में भी अखबारों में छपने वाले फ्रैंडशिप क्लब जैसा ही कुछ लिखा था.

मैं ने जब नजदीक जा कर उन पोस्टरों को देखा तो उन में ‘सौम्या फ्रैंडशिप क्लब’ के बारे में लिखा था और उन में उन बेरोजगार नौजवानों को रिझाने वाली कुछ लाइनें भी लिखी थीं जो बिना कुछ किएधरे अमीर बनने के सपने देखते हैं.

पोस्टरों में कुछ इस तरह से लिखा था कि हाई प्रोफाइल लड़कियों के साथ दोस्ती और मीटिंग कर के कुछ ही घंटों में कमाएं 1,500 से ले कर 3,500 रुपए रोजाना.

मैं ने इस क्लब की असलियत जानने के लिए अपने मोबाइल फोन का काल रिकौर्डर औन कर उन में से एक नंबर पर फोन मिला दिया. कुछ देर घंटी बजने के बाद जब उधर से फोन उठा तो एक मर्दाना आवाज आई और बोला गया कि ‘सौम्या फ्रैंडशिप क्लब’ में आप का स्वागत है. बताइए, मैं आप की क्या सेवा कर सकता हूं?

मैं ने उस शख्स से कहा कि मैं ने उस के पोस्टर में से यह नंबर देख कर उसे फोन किया है और मैं भी हाई प्रोफाइल लड़कियों से दोस्ती गांठ कर ढेर सारे पैसे कमाना चाहता हूं तो उधर से उस शख्स ने बड़े ही खुले शब्दों में कहा कि मुझे इस के लिए 800 रुपए जमा करा कर इस क्लब की मैंबरशिप लेनी होगी. इस के बाद मुझे एक कोड दिया जाएगा और फिर मेरे पास बड़े घरों की लड़कियों और औरतों के फोन आने शुरू हो जाएंगे.

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