बात 24 मार्च, 2022 की है. रात के 8 बज गए थे. हरिद्वार के पीरान कलियर में स्थित दून साबरी गेस्टहाउस का मैनेजर कमरेज उस रोज दोपहर बाद ठहरे लोगों की डिटेल रजिस्टर में एंट्री कर रहा था. तभी अचानक उस की नजर एक नीले रंग के बड़े सूटकेस पर पड़ी, जिसे एक युवक लगभग घसीटते हुए ला रहा था. युवक की बौडी लैंग्वेज से सूटकेस के भारीपन का अंदाजा लगाया जा सकता था. वह युवक बड़ी मुश्किल से उसे ला रहा था.

सूटकेस को देख कर कमरेज को याद आया कि करीब 4-5 घंटे पहले ही यह युवक इस सूटकेस और एक युवती के साथ गेस्टहाउस में आया था. दोनों स्कूटी से आए थे. युवती एक हाथ से सूटकेस को सहारा देते हुए पकड़े थी, जबकि दूसरे हाथ में केक का एक छोटा डिब्बा था. दोनों को मुश्किल से संभाले थी.

संयोग से रजिस्टर में 6 एंट्री के पहले ही कमरेज ने दोनों के नाम लिखे थे. युवक ने अपना नाम गुलबेज और युवती का नाम काजल लिखवाया था. उन्होंने पता हरिद्वार के ज्वालापुर का दिया था.

इस पर मैनेजर कमरेज को आश्चर्य हुआ था कि कोई व्यक्ति उसी शहर का हो और गेस्टहाउस में ठहरे. किंतु उस के स्कूटी से आने के कारण समझा कोई लोकल होगा. कई बार घरेलू आयोजनों की वजह से कुछ लोग कुछ घंटे के लिए होटल या गेस्टहाउस का कमरा बुक करवा लेते हैं.

खैर, उस वक्त कमरेज को युवक पर संदेह हुआ, क्योंकि उस ने तब तक गेस्टहाउस नहीं छोड़ा था और अपना सामान ले कर जा रहा था. उस के दिमाग में सवाल कौंध गया, ‘आखिर वह सूटकेस ले कर कहां जा रहा है? वह भी अकेले और उस की स्कूटी कहां गई, जिस पर वह आया था?’

संदेह का एक कारण और भी था कि पहले गुलबेज गेस्टहाउस में युवती के साथ आया था. वह सूटकेस लिए थे, जिस के उठाने या ले जाने से हलका प्रतीत हो रहा था. युवती उसे बड़ी आसानी से एक सहारे से स्कूटी पर पकड़ कर लाई थी.

कमरे तक सूटकेस को युवक बड़ी आसानी से खुद ले गया था. किंतु जब वह वापस जा रहा था, तब सूटकेस काफी भारी भी लग रहा था और साथ में युवती भी नहीं थी.

कमरेज ने तुरंत पास बैठे लड़के से कहा, ‘‘सोनू जा, भाग कर देख तो थर्ड फ्लोर के कोने वाला कस्टमर कमरा खाली कर गया क्या?’’

सोनू कस्टमर के कमरे की तरफ भागा. कमरा खुला मिला. कमरेज ने इधरउधर नजर दौड़ाई, लेकिन युवती कमरे में कहीं नजर नहीं आई.

मैनेजर भी काउंटर छोड़ कर मेन गेट तक आ गया. सोनू भी जल्द भागता आ कर बताया, ‘‘कमरे में तो कोई नहीं है. कमरे का दरवाजा भी पूरा खुला है.’’

यह सुन कर कमरेज को दाल में कुछ काला नजर आया. लपक कर युवक के पास जा पहुंचा. मैनेजर ने युवक से कड़कती आवाज में पूछा, ‘‘अरे भाई, बगैर बताए सूटकेस ले कर कहां जा रहे हो?’’

‘‘जी…जी…’’ युवक सकपका गया. कुछ ज्यादा नहीं बोल पाया.

‘‘जी, जी क्या करते हो? तुम्हारे साथ जो लड़की आई थी वह कहां है? तुम ने गेस्टहाउस चैक आउट किया? सूटकेस में क्या रखा है, जो इतना भारी हो गया?’’ कमरेज ने लगातार कई सवाल दाग दिए.

युवक कोई जवाब दिए बिना कमरेज को देखने लगा.

‘‘मुझे क्या देखते हो? मैं जो पूछ रहा हूं उस का जवाब दो और इस सूटकेस में क्या है? इतना भारी क्यों है?’’

‘‘जी..जी कुछ नहीं, मेरा कुछ सामान है?’’ युवक घबराहट के साथ बोला.

‘‘सामान! कैसा सामान? चलो खोल कर दिखाओ,’’ कमरेज बोला.

‘‘कुछ नहीं, मेरा ही सामान है.’’ बोलते हुए युवक ने हाथ से सूटकेस छोड़ दिया. सीधा खड़ा सूटकेस वहीं जमीन पर घप्प की आवाज के साथ गिर पड़ा. युवक भागने के लिए ज्यों ही मुड़ा, कमरेज ने लपक कर उस की पीठ पर टंगा बैग पकड़ लिया.

अपनी ओर खींचते हुए बोला, ‘‘अरे बदमाश कहीं का, भागता कहां है? चल पहले तू सूटकेस खोल कर दिखा वरना… अभी पुलिस को फोन करता हूं.’’

युवक की गरदन पर कमरेज ने पकड़ मजबूत बना ली. वहीं से सोनू को आवाज लगाई, ‘‘अरे सोनू, पुलिस को जल्दी फोन मिला, बोलना अर्जेंट है.’’

गुलबेज से युवती के बारे में पूछा तो वह सकपका गया और उस के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं. कमरेज का शक गुलबेज पर और गहरा हो गया. उस ने गुलबेज को डांटते हुए सूटकेस खोलने को कहा.

सूटकेस में निकली लाश

डरतेडरते गुलबेज ने कांपते हाथों से सूटकेस के लौक में चाबी लगाई. जब सूटकेस खुला, तब उस के अंदर का हाल देख कर कमरेज की आंखें फैल गईं. सूटकेस में उस के साथ आई युवती काजल की ठूंसी हुई लाश थी.

कमरेज ने गुलबेज का कालर पकड़ कर कड़कती आवाज में पूछा, ‘‘यह तूने क्या कर दिया? यह लड़की तेरी क्या लगती थी?’’

‘‘जीजी पुलिस को मत बुलाना, मैं बताता हूं. सब कुछ बताता हूं. हमारे आप के बीच बात रहे तो अच्छा है.’’ गुलबेज दोनों हाथ जोड़ कर कमरेज से मिन्नतें करने लगा.

‘‘बता यह लड़की कौन है?’’

‘‘यह मेरी प्रेमिका थी. घर वाले इस की मेरे साथ शादी करने के खिलाफ थे, हम लोग यहां जन्मदिन मनाने आए थे, लेकिन दुखी प्रेमिका ने जहर खा कर आत्महत्या कर ली. मैं भी इसे गंगनहर में फेंक कर आत्महत्या कर लूंगा…’’ युवक बोला.

गुलबेज की बातें सुन कर कमरेज को और भी आश्चर्य हुआ. वह सोच में पड़ गया एक की जान जा चुकी है और दूसरा अपनी जान लेने को तुला है. गंगनहर में कूद कर आत्महत्या की योजना बनाए हुए है.

तब तक सूटकेस में युवती की लाश मिलने की सूचना आसपास फैल गई थी. कुछ लोगों की भीड़ लग गयी थी.

यह घटना उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के थाना पीरान कलियर क्षेत्र की थी. मशहूर दरगाह पीरान कलियर में देशविदेश से हजारों जायरीन प्रतिदिन जियारत करने पहुंचते हैं. कलियर दरगाह का क्षेत्र मुसलिम बाहुल्य है. कलियर पुलिस को सूटकेस में युवती का शव मिलने की सूचना मिल चुकी थी.

थानाप्रभारी धर्मेंद्र राठी उस वक्त थाने में मौजूद थे. वह सूचना पाते ही सक्रिय हो गए. वह एसआई गिरीश चंद्र, शिवानी नेगी, देवेंद्र चौहान, कांस्टेबल सोनू कुमार और इलियास के साथ 10 मिनट में ही गेस्टहाउस पहुंच गए. साथ ही राठी ने इस की सूचना सीओ (रुड़की) विवेक कुमार और एसपी (देहात) प्रमेंद्र डोवाल को भी दे दी.

राठी ने सब से पहले गेस्टहाउस के मैनेजर कमरेज से जानकारी ली. सूटकेस में पड़ी लाश पर एक नजर डाली और अपने सहयोगियों से इस की बारीकी से तहकीकात करने को कहा. कमरेज ने राठी को बताया कि उसी रोज दोपहर 3 बजे गुलबेज एक युवती काजल के साथ स्कूटी से गेस्टहाउस आया था.

पुलिस ने की छानबीन

तब गुलबेज के पास एक बड़ा सूटकेस और एक केक का डिब्बा भी था. गुलबेज ने कमरा लेते समय बताया था कि वह अपनी प्रेमिका काजल के साथ जन्मदिन मनाने आया है. काजल को ज्वालापुर (हरिद्वार) की निवासी बताया था. उन्हें थर्ड फ्लोर के किनारे का कमरा अलौट कर दिया गया था. उस ने बताया था कि जन्मदिन मनाने के लिए उस के कुछ गेस्ट भी आएंगे.

इसी के साथ कमरेज ने राठी को गुलबेज द्वारा सूटकेस ले कर जाने, संदेह होने पर उसे जबरन खुलवाने और उस में रखी काजल की लाश होने के बारे में बताया.

अब बारी थी गुलबेज से पूछताछ करने की. राठी ने उस से लाश के बारे में पूछताछ शुरू की. गुलबेज ने पुलिस को बताया कि पिछले 8 सालों से काजल के साथ उस के प्रेम संबंध थे. वे काफी अरसे से शादी करना चाहते थे, मगर काजल के घर वाले विरोध कर रहे थे. काजल इस कारण दुखी थी. दोनों यहां जहर खा कर आत्महत्या करने के लिए गेस्टहाउस में आए थे.

काजल ने जहर खाने में जल्दबाजी कर दी थी, जबकि हम दोनों को एक साथ ही जहर खाना था. उस के जहर खाने से पहले ही काजल ने जहर खा लिया और वह मर गई.

गुलबेज ने बताया कि उस के बाद ही उस ने पहले लाश को सूटकेस में भर कर गंगनहर में फेंकने की योजना बनाई. लाश सहित सूटकेस को गंगनहर में फेंकने के बाद वह खुद गंगनहर में छलांग लगा कर आत्महत्या करने वाला था.

थानाप्रभारी धर्मेंद्र राठी द्वारा गुलबेज से पूछताछ के दरम्यान ही सीओ विवेक कुमार और एसपी प्रमेंद्र डोवाल भी आ गए. दोनों अधिकारियों ने भी मौके का निरीक्षण किया. कमरेज, सोनू और गुलबेज से मामले की जानकारी ली.

मौके की काररवाई करने के बाद पुलिस ने लाश पोस्टमार्टम के लिए राजकीय अस्पताल रुड़की भेज दी. उस के बाद डोबाल ने गुलबेज को थाना कलियर ले जा कर उस से गहन पूछताछ की जिम्मेदारी थानेदार गिरीश चंद को दे दी.

रमसा गुलबेज से नहीं करना चाहती थी शादी

रात के 12 बजे गुलबेज से काजल की मौत के बारे में नए सिरे से पूछताछ की जाने लगी. वहां भी उस ने वही पहले वाली साथसाथ जहर खा कर आत्महत्या करने की कहानी दोहराई.

काफी देर तक गुलबेज ने पुलिस को झांसा देने की कोशिश की. तभी थानाप्रभारी ने सख्ती दिखाते हुए उस से पूछा, ‘‘जब तुम दोनों को जहर खा कर ही मरना था, तब बड़ा सूटकेस क्यों ले कर आया था?’’

इस सवाल का जवाब वह नहीं दे पाया.

इसी के साथ उन्होंने उस से कहा कि लड़की की मौत का कारण तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जल्द ही पता चल जाएगा. इस से पहले उस के खिलाफ आत्महत्या करने, लाश को ठिकाने लगाने, सबूत मिटाने आदि की कानूनी धाराओं से वह नहीं बच पाएगा. तब भी उसे जेल तो जाना ही पड़ेगा.

यह सुन कर वह थानाप्रभारी राठी के आगे गिड़गिड़ाने लगा. फिर अपना जुर्म कुबूलते हुए गुलबेज ने जो कुछ बताया, वह पहले वाली कहानी से बिलकुल अलग था. इस पूछताछ में पता चला कि मृतका काजल नहीं, बल्कि रमसा थी. वह थाना मंगलौर के मोहल्ला लालबाड़ा की रहने वाली थी. उस ने दून साबरी गेस्टहाउस में कमरा नं 301 लेते समय मैनेजर को काजल नाम की फरजी आईडी दी थी.

यह सच था कि गत 8 सालों से रमसा से उस के प्रेम संबंध चल रहे थे. रमसा के घर वाले उस के साथ शादी नहीं करना चाहते थे. रमसा स्थानीय कालेज की बीकौम की छात्रा थी.  घटना के दिन दोपहर 3 बजे वह रमसा को स्कूटी पर बैठा कर कलियर के गेस्टहाउस में मंगलौर से लाया था. रमसा गुलबेज की दूर की रिश्तेदार भी थी.

आरोपी गुलबेज की ज्वालापुर में मोबाइल रिचार्ज की दुकान है. उस के पिता सनव्वर ज्वालापुर में ही कौस्मेटिक सामान की दुकान चलाते हैं. परिवार में अपने 3 भाइयों व एक बहन में गुलबेज सब से बड़ा है. दूसरी ओर रमसा भी अपने घर में 2 बहनों व 2 भाइयों में सब से बड़ी थी.

गेस्टहाउस के कमरे में गुलबेज ने केक काट कर रमसा का जन्मदिन मनाया था. उस के बाद रमसा के सामने शादी करने का प्रस्ताव रखा था. शादी करने से रमसा ने साफ इनकार कर दिया था.

काफी मनाने पर भी जब रमसा नहीं मानी थी, तब गुलबेज को गुस्सा आ गया था. उस के बाद ही उस ने गुस्से में वहां रखे तकिए से उस का मुंह दबा कर मार डाला था.

रमसा की कुछ मिनटों में ही दम घुटने से मौत हो गई थी. गुलबेज ने यह भी स्वीकार कर लिया कि उस ने जहर खा कर आत्महत्या करने की झूठी कहानी बताई थी. रमसा मातापिता के शादी में बाधा बनने की कहानी भी मनगढ़ंत थी. दरअसल रमसा का ही उस से शादी करने का मन नहीं था.

हत्या करने की पहले से बना ली थी योजना

गुलबेज ने बताया कि उसे रमसा द्वारा शादी से इनकार किए जाने की आशंका पहले से थी. इस कारण ही वह पूरी योजना बना कर गेस्टहाउस में ठहरा था.

उस की हत्या गेस्टहाउस में करने के बाद उस का शव ले जाने के लिए नीले रंग का सूटकेस पहले से ही ले कर आया था. काजल के नाम से रमसा की फरजी आईडी भी तैयार की थी.

इस के बाद थानाप्रभारी राठी ने गुलबेज के बयान दर्ज कर लिए. मृतका रमसा की हत्या की सूचना पुलिस ने तत्काल उस के पिता राशिद निवासी लालबाड़ा, मंगलौर को दे दी.

बेटी की नृशंस हत्या की सूचना पा कर राशिद परिजनों सहित रोतेबिलखते थाना कलियर पहुंचे. राशिद ने थानाप्रभारी को बताया कि रमसा अपने पड़ोस में हो रही एक शादी में शामिल होने के लिए घर से निकली थी.

देर रात तक जब वह घर वापस नहीं लौटी थी, तब उन्होंने रमसा के लापता होने की सूचना मंगलौर कोतवाली में लिखवाई थी.

इस के बाद कलियर पुलिस ने राशिद की ओर से रमसा की हत्या का मुकदमा गुलबेज ज्वालापुर हरिद्वार के खिलाफ दर्ज कर लिया था. अगले दिन एसपी (देहात) प्रमेंद्र डोवाल ने मीडिया को रमसा की हत्या का खुलासा किया.

25 मार्च, 2022 को कलियर पुलिस ने आरोपी गुलबेज पुत्र सनव्वर को अदालत में पेश कर दिया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. रमसा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उस की मौत का कारण दम घुटना बताया गया. कथा लिखे जाने तक आरोपी गुलबेज जेल में बंद था. रमसा की हत्या के मामले की विवेचना थानाप्रभारी धर्मेंद्र राठी कर रहे थे.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

जगदीश प्रसाद शर्मा ‘देशप्रेमी’

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