शारीरिक और मानसिक मेहनत किए बिना पैसा कमाना आसान नहीं होता. मगर लोगों को यह बात समझ नहीं आती. इसी वजह से वे ठगों और जालसाजों के चक्कर में पड़ जाते हैं. लोगों को लालच दे कर ठगी करने वाले अपना शिकार बना लेते हैं. जब तक असलियत पता चलती है, तब तक उन का सबकुछ लुट जाता है.

मध्य प्रदेश के गोटेगांव में कुछ लोगों की नासमझी की वजह से ठगी का दिलचस्प मामला सामने आया है. लौकडाउन में घरों के अंदर कैद रहे ठगों ने अनलौक 1.0 में नोटों को 10 गुना करने का लालच दे कर यहां के कुछ युवकों को रुपयों की चपत लगा दी.

गोटेगांव पुलिस के मुताबिक, जबलपुर शहर के 5 ठगों ने शिक्षक कालोनी में रहने वाले देवेश दुबे को 5,000 रुपयों को  50,000 रुपयों में बदलने का प्लान समझाया.

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ठगों ने देवेश को समझाते हुए कहा, "पहले हमारे द्वारा बनाए गए नोटों को बाजार में चला कर देख लेना. यदि नोट बाजार में चल जाएं, तो हम नोट बनाने वाले कागज और केमिकल देंगे, जिन से घर बैठे आप नोट बना सकेंगे."

देवेश को ठगों ने पहले 200 रुपए का एक असली नोट दिया,जो बाजार में चल गया. इस के बाद देवेश उन जालसाजों के चंगुल में फंस गया. जालसाजों ने देवेश से 5,000 रुपए ले कर नोट बनाने के लिए काले कागज की एक गड्डी और केमिकल दे दिए.

उन पांचों युवकों के चले जाने के बाद देवेश ने उन के बताए अनुसार काले कागज से केमिकल के इस्तेमाल से नोट बनाने की खूब कोशिश की, लेकिन नोट नहीं बने. तब उसे ठगे जाने का अहसास हुआ और उस ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई.

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