प्रदीप कुमार और बिपिन कुमार बिहार के औरंगाबाद जिला अंतर्गत जम्होर और मुन्ना कुमार सहसपुर बारुण का रहने वाला है. इस राज्य के सैकड़ों युवा तमिलनाडु कृष्णागिरी में काम करते हैं. अधिकांशतः युवा अशोक लीलैंड कम्पनी में काम करते हैं. लौक डाउन की वजह से कम्पनी बन्द है. कम्पनी वाला पैसा नहीं दे रहा है. इन युवाओं के पास पैसे खत्म हो गए हैं. राशन और गैस तक नहीं है. यहाँ तक कि पीने वाले पानी की भी किल्लत है. मकान मालिक किराया माँग रहा है. घर से माँ बाबूजी का फोन आ रहा है. क्या बेटा क्या हाल चाल है ? कुछ पैसा हो तो भेजो.ये लड़के अपने घर वालों को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं करा रहे हैं. ये लड़के समझ रहे हैं कि जब हमलोगों के वास्तविक स्थिति को घर वाले जानेंगे तो उनके पास रोने धोने के सिवा कोई उपाय नहीं है. कम्पनी के मैनेजर फोन करते हैं तो रिंग होते रहता है. उठाता तक नहीं है. हमलोगों के पास भूख से मरने वाली स्थिति पैदा हो गयी है. कुछ समझ मे नहीं आ रहा है.हमलोगों के शरीर में जान नहीं है. ताकत नहीं मिल पा रहा है.

बिस्कुट वैगरह खा कर किसी तरह दिन गुजार रहे हैं. टेलीफोन पर बात करते हुवे ये लड़के फफक कर रोते हुवे मुझसे आग्रह कर रहे हैं कि भैया हमलोगों को कोई उपाय निकालकर अपने घर बुलवा लीजिये.

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इन नौजवानों को पता नहीं है कि सरकार सिर्फ बड़े लोगों के बारे में सोंच रही है. बड़े लोगों के बेटा बेटी कोटा राजस्थान से चले आये.बिहार के हँसुआ नवादा के विधायक अनिल सिंह को कोटा से लाने के लिए एस डी एम ने स्पेशल पास निर्गत कर दिया.वे अपने बेटी को कोटा से वापस लेकर लौट गए.

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