रुस्तम, इकबाल, मुम्बई-वाराणसी एक्सप्रेस जैसी कई ब्लौकबस्टर फिल्मों के लेखक रहे विपुल के. रावल अब फिल्म 'टोनी' के जरिए बतौर निर्देशक अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि इस फिल्म के ट्रेलरों और पोस्टरों को पिछले हफ्ते ही जारी किया गया था. यह फिल्म साइकोलौजी के चार ऐसे छात्रों की कहानी हैं, जिनका सामना टोनी नामक एक ऐसे सीरियल किलर से हो जाता है, जो एक पादरी की हत्या करने की बात को कुबूल कर लेता है. इस बीच, सिरिल दारा नामक शख्स का दावा है कि फिल्म में इस तरह से ईसाई समुदाय का चित्रण किये जाने से पूरा ईसाई समुदाय काफी गुस्से में है और ऐसे में फिल्मकार के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है.
गौरतलब है कि फिल्म के लेखक और निर्देशक विपुल के. रावल ने जारी किये गये एक बयान के जरिए कहा, "यह फिल्म टोनी नामक एक सीरियल किलर पर आधारित है. ऐसे में फिल्म में धार्मिक तत्वों का इस्तेमाल करना लाजिमी हो जाता है. मेरी फिल्म को बिना किसी काट-छांट के सेंट्रल बोर्ड औफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) की ओर से हरी झंडी मिल चुकी है. ऐसे में पोस्टरों में बदलाव अथवा ट्रेलर को वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है."
पुलिस में शिकायत दर्ज करानेवाले सिरिल दारा के मुताबिक, "मैं एक धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हूं और मैं सभी धर्मों का समान रूप से आदर करता हूं. इस फिल्म के तमाम पोस्टरों और ट्रेलरों के माध्यम से कैथलिक और प्रोटेस्टेन्ट्स के बीच दरार पैदा करने की कोशिश जा रही है और एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं इसे कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं. इससे दोनों समुदाय की भावनाएं आहत होंगी. फिल्म में एक कैथलिक शख्स को सीरियल किलर के तौर पर पेश किया जा रहा है. मुझे लगता है कि इस फिल्म को बनाने के पीछे की विपुल के. रावल की नीयत सही नहीं है और इसके पीछे उनका अपना ही कोई एजेंडा छिपा है."