हर कोई मीना कुमारी को मुसलिम समझता है, मगर हकीकत यह है कि मीना कुमारी का संबंध एक बंगाली ब्राह्मण परिवार से था. अभिनेत्री मीना कुमारी की मां प्रभावती का संबंध बंगाली ब्राह्मण परिवार के साथ साथ रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से भी था.

प्रभावती का परिवार पश्चिम बंगाल में बोलपुर रेलवे स्टेशन के पास रहा करता था. प्रभावती वहीं से जुड़े शांति निकेतन कैंपस में नृत्य व ड्रामा से जुड़ी थीं. इसी ग्रुप से जुड़े तबलची अली बख्श से प्रभावती को इश्क हो गया था और उन से निकाह करने के बाद वे इकबाल बेगम बन गईं.

विवाह के बाद बोलपुर में रहना उन के लिए मुनासिब न था. इसलिए वे दोनों मुंबई चले आए थे. मुंबई के एक अस्पताल में इकबाल बेगम ने एक बेटी को जन्म दिया था, जिसे पहले अली बख्श ने कूड़ेदान में फेंक दिया था. फिर उसे उठा कर ले आए थे. वह बच्ची महजबी थी, जो बड़ी हो कर मशहूर अदाकारा मीना कुमारी बनी.

मीना कुमारी की मां प्रभावती और रांची निवासी हरिहर प्रसाद के बीच भी कोई संबंध था. पर यह किस तरह का संबंध था, यह आज तक राज बना हुआ है. मगर हरिहर प्रसाद ने 1935 में मीना कुमारी की मां प्रभावती को रांची (मौजा मोहराबाद) में 3 एकड़ 60 डैसिमल (खाता नंबर 133, प्लौट नंबर 62) रकबा जमीन दी थी. प्रभावती के कहने पर यह जमीन अली बख्श के नाम लिखी गई थी. 1971 में मीना कुमारी ने एक वकील के माध्यम से हरिहर प्रसाद की बेटी के बेटे और रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डा. रतन प्रकाश के पास 20 हजार रुपए भेजे थे कि वे इस जमीन के चारों तरफ दीवार खड़ी करा दें.

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