कश्मीर न सिर्फ कुदरती नजारों के लिए मशहूर है, बल्कि वहां कम संसाधनों के बीच भी सपने और चाहत लोगों के बीच जवां हैं.
धरती का स्वर्ग कश्मीर की वादियों के बीच पलीबङी एक ऐसी ही खूबसूरत बाला अब अपने हुस्न और अदाकारी के जलवे दिखाने बौलीवुड में डेब्यू करने जा रही हैं.

सच्ची घटनाओं पर आधारित

दरअसल, बाल यौन शोषण के खिलाफ एक युवा महिला की कहानी के संघर्ष की सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्‍म ‘टाइम टु रिटैलिएट : मासूम’ आगामी 5 जुलाई, 2019 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इस फिल्म में दिलकश और छरहरी बदन वाली खूबसूरत कश्‍मीरी बाला आलिया खान बौलीवुड में अपने अदाकारी के जलवे दिखाने के लिए तैयार हैं.

धर्म के नाम पर गलत परंपरा का विरोध करती फिल्म

फिल्म की कहानी मदरसों में मौलानाओं द्वारा बाल यौन उत्‍पीड़न और उस का विरोध कर रही एक मुसलिम युवती जोया की कहानी पर आधारित है.
फिल्म में निर्माता निर्देशक ने हिम्मत दिखाई है और इसलामिक कट्टरता और कट्टरपंथियों से बरबाद कश्मीर की वादियों में अपने सपनों को पंख देने वाली सुंदर बाला जोया को आगे बढते दिखाया है.

गलत परंपरा का विरोध जरूरी

जोया के किरदार में आलिया डार खान हैं और इस के लिए उन्होंने काफी मेहनत भी की है.
मीडिया से बातचीत में आलिया डार ने बताया,"ऐसा कोई भी धर्म जिस में कट्टरता को बढावा मिले, खुद के निजी सपने चकनाचूर हों तो उस का विरोध होना चहिए."

फिल्म की कहानी में जोया मुसलिम होते हुए भी एक अन्य धर्म के एडवोकेट से प्‍यार करती है. इस बात की जानकारी जब उस के रिश्तेदारों और समाज के तथाकथित पाखंडियों को लगती है तो वे इस का विरोध करते हैं. जोया की शादी जबरन उस की जाति के एक जाहिल लङके से करवा दी जाती है.
शादी के बाद उसे स्थानीय मदरसे में हो रहे कुछ घिनौने काम के बारे में पता चलता है. इस के खिलाफ वह आवाज उठाती है. इस के बाद उसे जबरन तलाक दिलवा दिया जाता है.
बाद में जोया की शादी एक हिंदू लङके से होती है. यहां भी धर्म के नाम पर एक मासूम बच्ची पर हो रहे गलत कामों का वह पुरजोर विरोध करती है.

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