सिमरन शेख जब 9 साल की थीं, तब से वे डांस शो करती हैं. परिवार के हालात बहुत अच्छे नहीं थे, इस के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी पढ़ाई के साथसाथ सिमरन शेख ने काम करना जारी रखा. उन का सपना हीरोइन बनने का है. वे भारत समेत विदेशों में बहुत सारे शो कर चुकी हैं.

सिमरन शेख की 2 भोजपुरी फिल्में ‘नजरिया काहे लडवेला’ और ‘सजनवा बड़ा दिलवाला’ प्रमुख हैं. उन्होंने कई भोजपुरी अलबम भी किए हैं. वे इस के साथसाथ अपने अच्छे लैवल पर शो जारी रखना चाहती हैं.

गोरखपुर की रहने वाली सिमरन शेख मुंबई में पलीबढ़ी हैं. वे डांस से ज्यादा सिंगिंग और एंकरिंग पर ध्यान देना चाहती हैं.

सिमरन शेख कहती हैं, ‘‘मैं अपने गाने के शौक को पूरा करना चाहती हूं. लोग कहते हैं कि मैं अच्छा गा लेती हूं. इस के साथ मेरा सपना एक अच्छा कलाकार बनने का है.’’

छोटी उम्र में किया सीनियर हीरोइनों का मुकाबला

कल्पना शाह ने जब अपनी पहली फिल्म ‘जोगीजी धीरेधीरे’ की, तो वे 10वीं जमात में पढ़ती थीं. भोजपुरी फिल्मों में उस समय बड़ी उम्र की हीरोइनों का दबदबा था. कल्पना को देख कर सभी ने सोचा कि यह नई लड़की क्या जगह बना पाएगी, पर कल्पना ने अपनी मेहनत और लगन से बड़ी उम्र की इन हीरोइनों का मुकाबला कर अपनी एक अलग जगह बनाई.

कल्पना शाह कहती हैं, ‘‘कम उम्र में सीनियर हीरोइनों का मुकाबला करना आसान नहीं था, पर मैं ने हार मानना कभी सीखा नहीं था और धीरेधीरे अपनी जगह बना ली.’’

कल्पना शाह की आने वाली फिल्मों में ‘जान हमार’, ‘सजनी चलल ससुराल’, ‘खून का कर्ज’, ‘हुकूमत की जंग’, ‘बिहारी टाइगर’, ‘चांद उतरी हमार अंगना’ और ‘रंगा’ खास हैं. उन की हिंदी फिल्म ‘क्या फर्क पड़ता है’ भी रुपहले परदे पर आने वाली है.

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