तकरीबन 11,500 स्क्रीन्स और रोजाना 56 हजार शो. यह आंकड़ा भारत में रिलीज किसी भी हिंदी फिल्म का आज तक नहीं रहा लेकिन इसी स्क्रीन संख्या और शोज के साथ जब अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘टौयलेट-एक प्रेमकथा’ (चाइनीज टाइटल- टौयलेट हीरो) चीन में रिलीज हुई तो इस ने लोकल चीनी भाषा की फिल्मों समेत कई हौलीवुड फिल्मों को भी कमाई के मामले में पीछे छोड़ दिया.

महज 17 दिनों में चीन में 100 करोड़ रुपए का आंकड़ा छूने वाली यह फिल्म भारत में कुल 100 करोड़ रुपए भी नहीं कमा पाई थी. इतने बड़े पैमाने पर ‘दंगल’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार’, ‘बजरंगी भाईजान’ और ‘हिंदी मीडियम’ के बाद चीन में रिलीज होनी वाली यह 5वीं भारतीय फिल्म है.

अब तक ओवरसीज मार्केट में सीमित हैसियत रखने वाले बौलीवुड को इन पांचों फिल्मों की बंपर ओपनिंग ने चीनी बौक्सऔफिस के तौर पर एक नया और बड़ा बाजार उपलब्ध करा दिया है.

भारत में आज भी बड़ी से बड़ी फिल्म 4 से 5 हजार स्क्रीन्स में ही रिलीज हो पाती है, क्योंकि देश में सिनेमाघरों की तादाद कम है. लेकिन चीन में बीते कुछ सालों में करीब चारगुनी गति से सिनेमाघर खुले हैं.

हालांकि अब तक यह बाजार अमेरिकी (हौलीवुड) व अन्य यूरोपियन फिल्मों की गिरफ्त में था लेकिन चंद सालों में हिंदी फिल्मों ने अप्रत्याशित कमाई कर बौक्सऔफिस का ओवरसीज मार्केट पूरी तरह से बदल दिया है.

अमेरिका (नौर्थ अमेरिका) के बाद चीन दुनिया का सब से बड़ा मूवी मार्केट है. ऐसे में वहां बौलीवुड की घुसपैठ बड़ी बात है. आलम यह रहा कि आमिर खान की फिल्म ‘दंगल’ ने चीन में सिर्फ कमाई के ही झंडे नहीं गाड़े, बल्कि लोकल फिल्म समीक्षकों और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफें भी बटोरीं.

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