उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से ताल्लुक रखने वाली सनी सिंह के लिए भोजपुरी फिल्मों में जाना और वहां अपना कैरियर बनाना आसान नहीं था. सनी सिंह के माता पिता आजमगढ़ से भले ही मुंबई आ गए थे, पर उन की जड़ें वहां से जुड़ी रहीं.
सनी सिंह की पढ़ाई मुंबई में हुई. कालेज में दाखिला लेने के बाद उन के दोस्तों ने उन्हें फिल्मों में काम करने का सुझाव दिया. पहले तो सनी सिंह ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, पर जब कुछ इश्तिहार शूट करने वालों ने भी यही कहा, तो उन्होंने अपने माता पिता से बात की.
शुरुआत में सनी सिंह की बात माता पिता को समझ में नहीं आई. लिहाजा, बड़ी मशक्कत के बाद वे उन्हें समझाने में कामयाब हुईं.
अब भोजपुरी फिल्मों में सनी सिंह को सब से हौट हीरोइन माना जा रहा है. उनकी तुलना लोग सनी लियोनी से करने लगे हैं. पेश हैं, सनी सिंह से हुई बातचीत के अंश.
कुछ ही दिनों में आप भोजपुरी फिल्मों की सनी लियोनी बन गई हैं. कैसा रहा है अभी तक का यह सफर?
मैंने फिल्मों में बहुत मेहनत की है. मैंने अपना पहला रोल कैरेक्टर आर्टिस्ट का किया था. लोगों का कहना था कि कैरेक्टर रोल करने के बाद एक टैग लग जाएगा, फिर कभी हीरोइन के रोल नहीं मिलेंगे. मुझे इस बात को गलत साबित करना था.
कैरेक्टर आर्टिस्ट का किरदार निभाने के बाद मैंने आइटम डांस भी किया. यहां से मेरी पहचान बनने लगी. फिर मुझे सेकेंड लीड में हीरोइन के रोल मिलने लगा.
मैंने मेहनत से जी नहीं चुराया और काम करती रही. अब मेरी फिल्म ‘किसमें कितना है दम’ आ रही है, जिसमें मैंने बतौर हीरोइन काम किया है. मैं अब तक के अपने सफर से बहुत संतुष्ट हूं.
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