Wildlife: मिला धरती का सब से लंबा एनाकोंडा सांप

Wildlife: देशदुनिया में अकसर ही वैज्ञानिक कई ऐसी खोज करते हैं, जिन के बारे में दुनिया जान कर हैरान हो जाती है. अब ऐसी ही एक खोज अमेजन के जंगलों में हुई है.

यह खबर बहुत ही रोमांचक और दिलचस्प है. अमेजन के जंगलों में वैज्ञानिकों ने अब तक के सब से लंबे एनाकोंडा सांप का पता लगाया है. यह खोज सच में हैरान करने वाली है, क्योंकि एनाकोंडा को दुनिया के सब से बड़े सांपों में से एक माना जाता है. ऐसे सांपों की लंबाई और आकार बहुत विशाल होता है.

एनाकोंडा, जो कि दुनिया की सब से बड़ी सर्प प्रजाति मानी जाती है, आमतौर पर यह अपने आकार और वजन के लिए मशहूर है और यह खोज इस बात का संकेत है कि हमारे कुदरती वातावरण में अभी भी कई शानदार और रहस्यमय जीवों की खोज की जा सकती है.

यह एनाकोंडा सांप अमेजन के जंगलों में पाए गए हैं और वैज्ञानिकों की टीम ने इसे खोजने के लिए 10 दिनों तक वहां यात्रा की. इस दौरान टीम सांप की तलाश में डोंगी से नदियों के बीच से हो कर गुजरी. टीम ने कई नमूने पकड़े.

इस तरह की खोजें न केवल जीवविज्ञान के लिए खास होती हैं, बल्कि इस से हम पर्यावरण और जैव विविधता की अहमियत को भी समझ सकते हैं. अमेजन के जंगल में धरती का सब से लंबा एनाकोंडा मिलने की खबर दुनियाभर में चर्चा की बात बन गई है.

नौर्दर्न ग्रीन एनाकोंडा (यूनेक्टेस अकियामा) नामक यह सांप 20 फुट से भी अधिक लंबा हो सकता है, जो एनाकोंडा के पिछले रिकौर्ड को पार कर गया है. जिस इलाके में सांप को खोजा गया, वह बैहुआरी वाओरानी इलाके में है. यह एक सुदूर इलाका है, जहां शायद ही कभी खोज की गई होगी.

हालांकि, यह जानकारी सटीकता से जानने के लिए वैज्ञानिकों को इस तरह की खोजों का समर्थन करना पड़ता है. वैसे, अमेजन के जंगल में अकसर ऐसे अनोखे जीवजंतु पाए जाते हैं, जो विज्ञान के लिए नई चुनौतियां पेश करते हैं.

इन विशालकाय सरीसृपों की खोज करना इतना आसान नहीं था. वैज्ञानिकों को इन्हें खोजने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. एनाकोंडा को पानी के अंदर शिकार का इंतजार करते देखा गया. विशेषज्ञों ने कई नमूनों की जांच की, जिस से इस प्रजाति की विशिष्टता की पुष्टि हुई.

इस खोज ने एक बार फिर यह साबित किया है कि अमेजन के जंगल अपने अंदर अभी भी कई रहस्य समेटे हुए है.

मगरमच्छ के जबड़े से बची जान, भाई बना मददगार

मगरमच्छ को देख कर जहां अच्छेअच्छों की सिट्टीपिट्टी गुम हो जाती है, वहीं एक बकरीपालक को मगरमच्छ ने अपने जबडे़ में ऐसे जकड़ लिया मानो छोड़ने को तैयार न हो, पर वहां मौजूद लोगों की मदद से उस के भाई ने अपनी जान की बाजी लगा कर उस को नया जीवनदान दिया.

यह मामला राजस्थान के करौली में घूसई चंबल घाट पर देखने को मिला, जहां मगरमच्छ के हमले में एक बकरीपालक गंभीर रूप से घायल हो गया.

जानकारी के मुताबिक, करीलपुरा गांव का रहने वाला रामधन मीणा 3 मई की शाम प्यासी बकरियों को पानी पिलाने घूसई चंबल घाट पर गया था. वहां बकरियों को पानी पिलाने के दौरान पहले से ही घात लगा कर पानी में बैठे मगरमच्छ ने रामधन पर हमला कर दिया और अपने जबड़े में फंसा लिया.

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तभी मौके पर मौजूद रामधन के भाई और वहां मौजूद लोगों ने उसे छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन मगरमच्छ भी अपने शिकार को आसानी से छोड़ने वाला नहीं लग रहा था. किसी तरह मगरमच्छ के जबड़े से उस युवक को छुड़ाया गया.

इस हमले में रामधन मीणा के दोनों हाथों में गंभीर रूप से चोटें आईं. घायल को करणपुर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से गंभीर अवस्था में करौली रेफर कर दिया.

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वहीं इस से पहले दूसरी घटना पंजाब के मुक्तसर जिले के गिद्दड़बाहा के एक गांव गुरुसर के पास की है. वहां 21 अप्रैल को नहर के किनारे मगरमच्छ मिला. एक किसान ने इस की पूंछ पकड़ कर घुमाने की कोशिश की, पर वह जल्दी से नहर में घुस गया. नहर में मगरमच्छ के आने से गांव के लोगों में दहशत है. वैसे, गुरुसर गांव के लोग गरमी में इस नहर में नहाते हैं और दूसरी जरूरी चीजों के लिए पानी भी भरते हैं.

फिलहाल तो लॉकडाउन की वजह से लोग नहर की तरफ नहीं जा रहे हैं, फिर भी एहतियात के तौर पर नहर में मगरमच्छ की सूचना गांव वालों ने वन विभाग को दे दी है.

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भले ही चौकस रहते हुए बकरीपालक रामधन मीणा को उस के भाई ने मगरमच्छ के जबड़े से बचा लिया हो, पर ऐसे मौकों पर ज़्यादा जागरूक रहना चाहिए, तभी बच सकते हैं. वहीं खेतों में काम करने वाले किसानों के साथ ही साथ नदी, नाले व नहर के आसपास रहने वालों को घड़ियाल व मगरमच्छों से सावधान रहने की जरूरत है.

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