कुंआरियों की शादीशुदा मर्दों के लिए चाहत

जहां तक हम, आप और सब जानते हैं कि कोई भी लड़की चाहे सबकुछ बरदाश्त कर ले, पर सौत तो हरगिज बरदाश्त नहीं कर सकती, पर यह एक अजीब बात है कि कुंआरी लड़कियां, जिन्हें शादी कर के अपना घर बसाना होता है, किसी कुंआरे के बजाय शादीशुदा के प्यार के जाल में फंस जाती हैं.

हालांकि बहुत से ऐसे मर्द किसी कुंआरी का प्यार पाने के लिए इस हकीकत को बड़ी बेशर्मी से छुपा भी जाते हैं कि वे शादीशुदा हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं होता कि इन कुंआरियों को अपने प्रेमी की शादी की बात पता नहीं होती. उन्हें इस बात का बहुत अच्छी तरह पता होता है कि उन का प्रेमी न सिर्फ शादीशुदा है, बल्कि बालबच्चों वाला भी है.

दरअसल, सैक्स संबंधी इस खिंचाव में जो बात काम करती है, उस का उम्र, पढ़ाईलिखाई, पद, इज्जत, पैसा या शादी होना जैसी बातों से कोई खास मतलब नहीं होता. यों कहिए कि मतलब होता ही नहीं.

ये भी पढ़ें- संभल कर खाओ ओ दिल्ली वालो

अकसर ऐसा होता है कि कोई कुंआरा लड़का किसी हसीन कुंआरी लड़की को देखदेख कर बस आहें भर रहा होता है, वह जुगाड़ भिड़ा रहा होता है कि कैसे उस के साथ अपने प्यार की पेंगें बढ़ाई जाएं और तभी कोई बड़ी उम्र का शादीशुदा, पर सुल झा हुआ आदमी उस सुंदरी को अपनी बांहों की गिरफ्त में ले लेता है. अब वह कुंआरा मन ही मन उस बड़ी उम्र के शादीशुदा आदमी पर चाहे जितनी खी झ उतारता रहे, बाजी तो उस के हाथ से जाती ही रही है और लड़की भी अपने शादीशुदा प्रेमी की बांहों में बड़े मजे से  झूला  झूलती रहती है.

ऐसा क्यों होता है

ऐसे मर्दों में कई खास गुण होते हैं, जो आमतौर पर कुंआरे लड़कों में नहीं होते. सब से पहले तो आप इस बात पर गौर कीजिए कि लड़कियां मर्दों से चाहती क्या हैं? जहां तक मेरा खयाल है, कोई भी लड़की प्रेम की गंभीरता पसंद करती है. प्रेम की यह गंभीरता ज्यादातर कुंआरे लड़कों में नहीं होती है.

ज्यादातर कुंआरे लड़के छिछोरे टाइप होते हैं और फिल्म स्टाइल में कपड़े पहन कर, बाल  झाड़ कर, गाने गा कर, फिकरे कस कर या फिर उलटीसीधी हरकतें कर के लड़कियों को रि झाना चाहते हैं, पर होता इस का बिलकुल उलटा ही है. ऐेसे सड़कछाप मजनू लड़कियों के प्रेम का तो नहीं, पर उन के सैंडलों का स्वाद बहुत जल्द चख लेते हैं.

कुछ दूसरी तरह के कुंआरे लड़के होते हैं, जिन में अपने प्यार को जाहिर करने की न तो हिम्मत होती है, न कोई उचित तरीका ही उन्हें पता होता है और ऐसे कुंआरे लड़के जब किसी लड़की का प्यार पाने के लिए उलटीसीधी कोशिश करते हैं, तो लड़की की नजर में मजाक ही बनते हैं, उस के प्रेमी नहीं.

ये भी पढ़ें- बढ़ते धार्मिक स्थल कितने जरूरी?

होते हैं सलीकेदार

हालांकि ऐसा बिलकुल नहीं है कि हर शादीशुदा मर्द कुंआरी लड़की का प्रेम पाने में कामयाब हो ही जाता है और हर कुंआरा लड़का किसी लड़की का प्रेम पाने में नाकाम ही रहता है.

हमारा कहना तो सिर्फ यह है कि शादीशुदा मर्दों में कुछ ऐसे खास गुण होते हैं, जिन की ओर लड़कियां आसानी से खिंच जाती हैं, जैसे सुल झी शख्सीयत का होना, लड़की के बारे में हर छोटीछोटी बात की बेहतर सम झ होना वगैरह. ये गुण शादी होने के बाद मर्द के अंदर आ जाते हैं, जबकि कुंआरे लड़कों में इन की कमी ही रहती है.

फिर कुंआरा लड़का अपनी हमउम्र प्रेमिका से जलन की भावना भी रख सकता है और उन की भावनाओं को चोट भी पहुंचा सकता है, जबकि बड़ी उम्र का बालबच्चों वाला शादीशुदा मर्द अपनी कुंआरी प्रेमिका के आंसू पूरी हमदर्दी और सम झदारी के साथ पोंछने की ताकत रखता है. वह अपनी प्रेमिका को पूरी सिक्योरिटी और पूरा प्यार दे सकता है. वह कुंआरे लड़कों की तरह बेवकूफी वाली हरकतें नहीं करता. उस का बरताव इतना सलीकेदार होता है कि ऐसी खासीयतें किसी कुंआरे लड़के में मुश्किल से ही मिलती हैं.

मुसीबतें नहीं खड़ी करते

हां, इस सब के अलावा शादीशुदा मर्दों की एक खास बात यह भी होती है कि जब कोई लड़की अपने शादीशुदा प्रेमी को प्रेम करने के बाद किसी तरह से उस का दिल तोड़ देती है, तो वह प्रेमी बड़ी आसानी से ऐसी बेवफा प्रेमिका को भूल जाता है और उस के लिए कोई परेशानी नहीं खड़ी करता. उस के आंसू पोंछने के लिए बेचारी बीवी होती है, जबकि ऐसे हालात में कुंआरे लड़के अपनी प्रेमिका के लिए भारी मुसीबतें खड़ी कर देते हैं, क्योंकि उन की भावनाओं को कंट्रोल करने के लिए कोई नहीं होता है.

ये भी पढ़ें- अमीर परिवारों की बहूबेटियों को सौगात

इसलिए यह कहा जा सकता है कि जो खासीयतें शादीशुदा मर्दों में आ जाती हैं, वे ही अगर कुंआरे लड़कों में आ जाएं तो कोई वजह नहीं कि कोई हसीना उन की बांहों में न जाए, आखिर कोई लड़की अपनी सौत तो नहीं चाहती है न.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें