पैसा बना देता है अपनों का दुश्मन: जब खूनी बनी शादीशुदा प्रेमिका

उस रात वह मेरा इंतजार करती रही. मन में चल रही उल  झन व सवालों ने बेचैनी को और भी बढ़ा दिया था. मन में एक ही सवाल था कि क्या हुआ होगा. आखिरकार चैन आ गया, जब प्रेमी का फोन ही आ गया. उस की बातों को सुन कर यही लगा कि अपने पति की यादों से बाहर निकल जाएगी और वह  अपने प्रेमी के साथ एक प्यार भरी जिंदगी बिताने का सपना देख कर सो गई. लेकिन यह सपना एक चुटकी में ही ढेर हो जाएगा, इस बात का अंदाजा नहीं था. एक ऐसा प्यार, जिस ने सिर्फ इनसानियत का खून नहीं किया, बल्कि एक परिवार को भी तबाह कर दिया.

पहली मुलाकात

बात साल 2013 की है. मोहनदास की 34 वर्षीय पत्नी सीमा केरल के मुख्य शहर कोच्चि में एक कंपनी में काम करती थी. वहीं उसी औफिस टौवर में गिरीश एक गारमेंट शौप में अकाउंटैंट की जौब करता था.

एक ही बिल्डिंग में काम करने की वजह से सीमा और गिरीश की मुलाकात हो गई और यह सिलसिला चलता रहा. उन की दोस्ती प्यार का रूप ले चुकी थी. वे दोनों आपस में एकदूसरे से अपने सुखदुख बांटने लगे.

सीमा ने गिरीश को अपने कर्ज के बारे में बताया. सीमा ने पैसे की मदद करने के लिए ही गिरीश से दोस्ती की थी. गिरीश ने कई बार सीमा की मांग के मुताबिक उस की मद्द करने के लिए पैसा भी दिया और कभी भी यह दी गई रकम वापस नहीं मांगी.

इस तरह सीमा की कई जरूरतें पूरी होने लगीं. गिरीश के बारे में सीमा ने मोहनदास को बताया तो था, लेकिन वह असलियत से फिर भी अनजान ही था. मोहनदास को इन रिश्ते में कोई छिपी बात महसूस नहीं हुई.

दोस्त बन कर गिरीश वैकेम से एर्नाकुलम तक  हर दिन बाइक से आताजाता था. सीमा से रिश्ता बनाए रखने के लिए गिरीश और पैसा कमाने में लगा रहता और इस के लिए उस ने अपने दफ्तर में हेराफेरी भी शुरू कर दी.

अकाउंटैंट होने की वजह से गिरीश बहुत जल्दी लाखों रुपए की हेरफेर करने में सफल भी हुआ और उस ने वह सारे पैसे सीमा के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए.

शुरुआत में सीमा इस बात से अनजान थी कि गिरीश के पास यह पैसे कहां से आ रहे हैं. मोहनदास ने भी कभी नहीं पूछा. इन लोगों ने 17 लाख रुपए की गाड़ी भी खरीद ली थी.

अचानक से जिंदगी में आया इतना बदलाव देख कर जब रिश्तेदारों को भी शक हुआ, तब सीमा और मोहनदास ने अपने रिएल ऐस्टेट के धंधे में मुनाफा बताया.

कभी न बिछुड़ने वाले प्रेमी

गिरीश का सीमा को पैसे देने का सिलसिला जारी रहा. एक बार मोहदनदास अपने दोस्तों व परिवार के सदस्यों के साथ घूमने चले गए. इसी बीच सीमा और गिरीश के बीच निकटता ज्यादा बढ़ गई. एकसाथ बाहर जाना, खाना खाना और वह सीमा के घर भी जाने लगा.

गिरीश का सीमा के प्रति पागलपन का सा प्यार था. 6 साल तक का लंबा परिचय कभी न टूटने वाले रिश्ते में बदल गया था. इतने सालों तक गिरीश सीमा को तकरीबन 1 करोड़ रुपए तक दे चुका था, जो उस ने कंपनी के अकाउंट से चुराए थे.

गिरीश के औफिस वालों को भी उस की बेईमानी का पता चलने लगा. कंपनी उस से अपने सारे पैसे वापस मांगने लगी.

हत्या की योजना

सीमा गिरीश की असलियत से वाकिफ हो गई थी, लेकिन वह गिरीश को सारे पैसे वापस न करने की हालत में थी. पति के सामने कोई भी माली हेराफेरी मुमकिन नहीं थी. वे दोनों गुरुवायूर में कमरा ले कर समस्याओं के समाधान सोचते रहे.

इसी बीच सीमा ने बताया कि मोहनदास के तमिलनाडु में ट्रांसफर होने की योजना बन रही है. अब हम सब वहीं चले जाएंगे.

सीमा की यह बात सुन कर गिरीश को लगा कि भविष्य में वह फिर सीमा से कभी भी नहीं मिल पाएगा. सीमा को दिया हुआ सारा पैसा व रिश्ता खत्म होते सोच गिरीश डर गया. फिर इन दोनों ने मिल कर मोहनदास की हत्या की योजना बनाई.

रची साजिश

सीमा और गिरीश दोनों ने मिल कर मोहनदास की हत्या का दिन 2 दिसंबर तय किया. जिस दिन सीमा के भाई के बच्चों का जन्मदिन होता है. मोहनदास भी वहीं पार्टी में गया हुआ था और दोपहर तक वापस लौट आया. शाम को साढ़े 7 बजे वह कहीं जाने की तैयारी में था. इस मौके का उन दोनों ने भरपूर फायदा उठाया.

7 बज कर 40 मिनट पर सीमा ने मोहनदास से यह कहा कि गिरीश अमृत अस्पताल में एक दोस्त से मिलने गया है. वापस लौटते समय पालम जंक्शन पर वह आप का इंतजार करेगा. उसे बाइक में लिफ्ट दे कर किसी सुविधाजनक जगह पर उतार देना.

मोहनदास के घर से निकलते ही सीमा ने गिरीश को फोन कर दिया. मोहनदास पालम जंक्शन पर पहुंच गया, तो उस ने वहां गिरीश को खड़े देखा. वह बाइक पर सवार हो गया और उस ने मोहनदास को फाक्ट आनवातिल जंक्शन जैसी वीरान जगह पर गाड़ी रोकने को कहा.

फिर गिरीश ने एक तौलए पर क्लोरोफोम डाल कर उस की नाक पर लगाने की कोशिश की. मोहनदास ने भागने की कोशिश की, तो गिरीश ने उसे पीछे से पकड़ कर चाकू मार दिया. गहरे घाव और लगातार खून बहने की वजह से मोहनदास की मौके पर ही मौत हो गई. चाकू मारने के बाद गिरीश कमलेश्वरी की ओर चला गया, जहां उस की बाइक थी.

पुलिस की जांचपड़ताल

8 बजे के करीब मौका ए वारदात पर लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. मोहनदास की हत्या जहां उस की बाइक खड़ी थी वहां से कुछ ही दूरी पर की गई थी. मौका ए वारदात पर एक चश्मा पाया गया. उस के गले की चेन के 2 टुकड़े हो चुके थे. 40,000 रुपए का कीमती मोबाइल फोन व पर्स से 30,000 रुपए गायब थे, जिसे गिरीश ने निकाल लिया था, क्योंकि वह यह साबित करना चाहता था कि हत्या सामान की लूट व मार से हुई है. लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि मोहनदास की हत्या की गई है.

हत्या के बाद गिरीश ने सीमा को बताने के लिए फोन किया था. मोहनदास के सभी परिचितों के नंबर पर जांच विभाग द्वारा जांच की गई. जब पुलिस द्वारा सीमा जहां नौकरी करती थी, वहां से जांचपड़ताल की गई तो पता चला कि वह काम पर 17 नवंबर से ही नहीं गई थी. सीमा ने वहां तबीयत खराब होने व अस्पताल जाने का कारण बताया था.

सीमा के मोबाइल पर ज्यादातर गिरीश के ही फोन देख पुलिस ने उस के औफिस में जा कर पूछताछ की, तो वहां पता चला कि पैसे की हेराफेरी करने की वजह से वह यहां पर नहीं आ रहा है, तभी दोनों के संबंध सामने आए.

कोच्चि टाउन नौर्थ पुलिस सबइंस्पैक्टर एस. जयशंकर का कहना है, ‘‘ये दोनों जहां काम कर रहे थे, वहां के लोग इन के रिश्ते से अनजान थे. पुलिस ने गिरीश के घर के आसपास जांच की. पुलिस ने जब सीमा से पूछताछ की, तो उस के जवाब व बरताव में घबराहट महसूस हुई. इतना ही नहीं, मोहनदास के रिश्तेदारों को भी सीमा पर शक होने लगा था. सख्ती से पूछताछ करने पर गिरीश का हत्या में हाथ सामने आया. घटना के 10 दिनों के अंदर ही मुजरिम सामने आ गए.’’

पछतावा नहीं

पकड़े जाने के बाद भी बिना किसी शर्म व डर के दोनों सामने खड़े थे. दोनों को घटनास्थल पर ले जाया गया, तो गिरीश ने फेंके हुए विदेशी चाकू, जिस से मोहनदास की हत्या की थी, को   झुरमुट से ढूंढ़ निकाला. फोरैंसिक विभाग द्वारा की गई जांच में बाइक पर खून के धब्बे भी पाए गए.

सीमा और गिरीश ने सोचा था कि इस हत्या के बारे में कभी भी किसी को पता नहीं चलेगा, पर दोनों के फोन की काल हिस्ट्री ने इन का जुर्म उजागर कर दिया. मोहनदास व सीमा के बच्चे अब रिश्तेदारों के सहारे ही पलने लगे.

प्यार और पैसे का चोलीदामन का साथ है. हर प्रेमिका चाहती है कि उस का प्रेमी उस पर खर्च करे, चाहे कहीं से भी पैसा आए. अगर प्रेमिका शादीशुदा है तो वह बहुत लालची भी हो जाती है और अपनी कामुक अदाओं का भी इस्तेमाल करती है. आमतौर पर पति चुप ही रहते हैं, क्योंकि पत्नी के साथ पैसे का फायदा उसे भी मिलता है. सोने के अंडे देने वाली पत्नी किसे नहीं भाती?

जयादेवन आर.      

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