लड़कियों को मैसेज भेजने से पहले लड़के जान लें ये खास बातें

सोशल मीडिया और चैटिंग से आज कोई भी अछूता नहीं है. हम सभी किसी न किसी से मैसेज पर बात करते ही हैं. चाहे किसी को आप कितना ही अच्छी तरह से जान लें लेकिन उस की सोशल मीडिया पर मौजूदगी और मैसेज करने का तरीका आप की नजरों में व्यक्ति की एक अलग छवि जरूर बनाता है. मसला किसी अनजान से बात करने का हो तो अधिकतर पहल लड़के ही करते हैं. अधिकतर लड़कियों का यह कहना कि “पहले मैं मैसेज क्यों करूं, वह लड़का है उसे करना चाहिए” आज भी जहा का तहां है. ऐसे में ज्यादातर लड़के बातचीत की पहल करने के लिए मैसेज जरूर करते हैं.

लेकिन, आप को बता दें कि आप के एक मैसेज से ही लड़कियां आप को ‘होट’ से ‘नोट’ की कैटेगरी में चुटकियों में डाल सकती हैं. आप के बात करने का तरीका, मैसेज की भाषा, मैसेज टाइप करने का तरीका यहां तक कि आप किस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं यह भी लड़कियां जज करती हैं.

ध्रुव कालेज से ग्रेजुएट हो चुका है और लगभग सभी ग्रेजुएट लड़कों की तरह सिंगल है. उस के रिलेशनशिप के दिन कालेज के साथ ही खत्म हो गए क्योंकि अब वह नौकरी कर रहा है जहां उसे कोई लड़की भाव नहीं देती. उस के पास केवल सोशल मीडिया ही है जिस से वह टाइमपास करता है और अकसर लड़कियों को मैसेज भेजता है. पर बेचारा जब भी किसी लड़की से बात करने के लिए मैसेज करता है तो वह उसे रिप्लाई ही नहीं करती. रिप्लाई करती भी है तो वह एकसाथ इतने मैसेज भेजने लगता है कि लड़की उसे इग्नोर करना ज्यादा बेहतर समझती है.

प्रणव का भी कुछकुछ यही हाल है. लेकिन उस की परेशानी यह नहीं है कि उसे रिप्लाई नहीं मिलता बल्कि यह है कि उसे बात करने का तरीका नहीं आता. वह हिंग्लिश में बता करता है. ‘की करिंग’ या ‘वाय नोट बोलिंग’ जैसी भाषा लिखता है जो साधारण हिन्दी या इंग्लिश से बहुत ज्यादा अजीब साउंड करती है.

वहीं, मनीष की आदत है कि वह हर लड़की से बात करने के पहले दिन ही यह पूछने लगता है कि वह सिंगल है या नहीं. यह सुन कर जिस लड़की को उस से बात करने में थोड़ी भी दिलचस्पी आती है, चली जाती है. इस तरह की छोटीछोटी ढेरों बातें हैं जो आप के व्यवहार को अजीब दिखाती हैं और इसलिए रिलेशनशिप में आना तो बहुत दूर आप किसी लड़की को सोशल मीडिया के जरिए दोस्त भी नहीं बना पाते.

निम्न कुछ ऐसी व्यावहारिक बातें हैं जो किसी को मैसेज करने से पहले आप को पता होनी चाहिए:

• सोशल मीडिया एटीकेट में सब से ऊपर है बात शुरू करने की भाषा. आप किस तरह सामने वाले व्यक्ति को एड्रेस कर रहे हैं यह आप के मेनर्स को दर्शाता है. हमेशा फौर्मल टोन में बात शुरू करें. ‘आप’ कह कर व्यक्ति को संबोधित करें बजाए ‘तुम’ या ‘तू’ के. यह आप की आगे की बातचीत पर और सामने वाले व्यक्ति के रिप्लाई पर डिपेंड करता है कि आगे किस टोन में बात होगी.

• मैसेज के रिप्लाई का इंतजार करें लेकिन यह अपेक्षा न करें कि जिसे आप ने मैसेज भेजा है वह झट से आप को रिप्लाई भेजे. सभी अपने मूड और समय के अनुसार बात करना पसंद करते हैं. कई लड़कियां अनजान लड़कों से बात करना पसंद भी नहीं करती हैं. इसलिए मैसेज के इंतजार में एक के बाद एक मैसेज भेज कर रिप्लाई न मांगे. यह सामने वाले को केवल परेशान ही करेगा और आप केवल अपना समय बर्बाद करेंगे.

• किसी को पहली बार मैसेज भेज रहे हैं या साधारणतया किसी को कभी भी मैसेज कर रहे हैं तो अपनी स्पेल्लिंग्स का ख्याल रखें. समय बचाने के लिए शौर्ट फोर्म लिखना सही है लेकिन कई बार प्रोपर एब्रिविएशन न होने पर यह स्पेल्लिंग्स इरिटेटिंग लगती हैं और आप की इमेज खराब कर सकती हैं. ग्रेट को gr8, फाइन को f9, गुड नाइट को gud n8, थैंक्स को thnks या thnx लिखने की बचाए इन शब्दों की सही स्पेल्लिंग्स लिखिए. ज्यादा मुश्किल काम नहीं है, सैकंडो की बात है.

• बिना मांगे अपनी तस्वीरें शेयर न करें. आप की शर्टलेस पिक्चर देखने में हर कोई रुचि नहीं रखता खासकर वह जिस से आप पहली बार बात करने जा रहे हैं. अपनी किसी भी तरह की अश्लील या संवेदनशील तस्वीर किसी लड़की को न भेजें. कई पुरुष सोशल मीडिया पर लड़कियों के इनबौक्स में अपनी निर्वस्त्र या यौनांगों की तस्वीरें भेजते हैं जो न सही है न नैतिक. ऐसे पुरुष न बनें.

• लड़कियों से अभद्र भाषा में न बात करें न उन्हें ऐसा कोई भी मैसेज भेजें जो असभ्य हो. कई लड़के लड़कियों को डार्लिंग, बेबी या लव कह कर संबोधित करते हैं. उन की स्टोरी पर इस तरह के रिप्लाई इसलिए करते हैं ताकि वे खुश हो कर मैसेज भेजें. इस तरह की चीजें लड़कियों को हर किसी से सुनना पसंद नहीं होती. लड़कियों को ‘शो मी योर पिक’ या ‘सेंड न्यूड्स’ जैसे मैसेज भी न करें. सोशल मीडिया पर लड़कियां आप की वासना मिटाने का साधन नहीं हैं.

• कैप्स लौक का ध्यान रखें. अगर आप ने okay लिखा है तो वह नौर्मल साउंड करेगा लेकिन यदि OKAY लिखा है तो वो ऐसा लगेगा जैसे आप किसी पर चिल्ला रहे हैं. यह बेसिक व्यावहारिक बातें हैं जो आप को ध्यान रखनी हैं.

• किसी लड़की को इम्प्रेस करने के लिए किसी की चुराई शायरी या कविता भेजने की बजाय साधारण बातचीत करें. शायरी अगर चिकनीचुपड़ी बातों वाली होगी तो लड़की खीज उठेगी. हां, आप किसी बड़े शायर की गजल या नज्म के कुछ अंश भेज सकते हैं जो अच्छे लगें, लेकिन सिर्फ तब जब सामने वाले व्यक्ति को उस में इंटरेस्ट हो.

• बहुत ज्यादा इमोटिकंस या इमौजी का इस्तेमाल न करें. इमौजी भेजना अच्छा लगता है और वह प्यारी भी लगती हैं लेकिन बहुत ज्यादा भेजी जाएं तो वह इर्रिटेटिंग लगने लगती हैं और अपनी क्यूटनेस खो देती हैं.

• अपनी रेप्युटेशन का ख्याल रखें. कई बार लड़के अपनी क्लासमेट या पड़ोस में रहने वाली लड़की से सोशल मीडिया पर बात करने लगते हैं जिस के 1-2 दिन बाद से ही लड़की न तो सोशल मीडिया पर रिप्लाई देती है और न असल जीवन में. इसलिए लोग मजाक में कहते भी हैं कि अपने क्रश से दो दिन बात कर के देखो, उस पर से क्रश चला जाएगा. भैया की उम्र वाले लड़के लड़कियों को अजीबअजीब मैसेज भेजते हैं तो वह असल में अपना सम्मान खो बैठते हैं. कौन सा व्यक्ति आप से किस तरह की बात करना चाहता है इसे जान लें और तभी बात आगे बढ़ाएं.

• 1-2 मैसेज के बाद ही प्रोपोज न करने लगें. कई बार लड़के अनजान लड़की से भी बात करने के पहले ही दिन उसे प्रोपोज कर देते हैं, आई लव यू या आई लाइक यू जैसी बातें करने लगते हैं. इस का नतीजा यही निकलता है कि वे या तो ब्लौक कर दिए जाते हैं या लगातार इग्नोर. एक दिन में किसी को किसी से प्यार नहीं होता सभी जानते हैं, इसलिए इस तरह की बातें न करें.

जब आप कौलिंग से ज्यादा चैटिंग करने लगें

हाल के दशकों में सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ा है. एकदूसरे से जोड़े रखने वाले सोशल मीडिया प्लेटफौर्म और मोबाइल एप्लिकेशंस की भी खासी संख्या बढ़ी है. आज हम अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और औफिस कलीग्स से फोन पर बोल कर बात करने के बजाय उन्हें टैक्स्ट मैसेज ज्यादा करते हैं.

एक रिसर्च में पाया गया कि हम किसी से बोल कर बात करने के बजाय लिख कर ज्यादा बात करते हैं, यानी हम अपने स्मार्टफोन और लैपटौप का इस्तेमाल भी मेल भेजने और मैसेज के लिए ही कर रहे हैं. हम वीडियो या वौयस कौल कम कर रहे हैं. लेकिन स्टडी में यह बात सामने आई है कि फोन पर बात करने के बजाय टैक्स्ट मैसेज करने से हमारी सोशल बौंडिंग कमजोर हो रही है. इस की जगह अगर हम बोल कर बातें करें तो रिश्ते मजबूत बनेंगे.

विशेषज्ञों के मुताबिक, लोग अपनों की आवाज के जरिए ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं. आवाज सुन कर वे सामने वाले के बोलने का भाव समझ पाते हैं. लेकिन लोगों को लगता है कहीं उन के कौल करने से सामने वाला डिस्टर्ब न हो जाए या शायद उन्हें अच्छा न लगे, इस कारण मैसेज कर देना ही सही रहेगा. मैसेज के साथ एक इमोजी भेज देना बहुत फीका सा लगता है. लेकिन वहीं अगर बोल कर उस बात को जतलाया जाए तो अपनापन सा महसूस होता है.

सोशल मीडिया की वजह से लोगों के बीच की दूरियां भले ही कम हो गई हैं लेकिन दिलों की दूरियां बढ़ी हैं. न्यूयौर्क के शोधकर्ताओं का कहना है कि हम समय बचाने के लिए अकसर ईमेल या टैक्स्ट मैसेज भेजना ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन सही मानो में फोनकौल अपनों से जुड़ाव महसूस कराता है.

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वैज्ञानिकों ने रिसर्च में कुछ लोगों को उन के पुराने साथियों से फोन पर मेल के जरिए कनैक्ट होने को कहा. कुछ लोगों को वीडियोकौल, टैक्स्ट मैसेज और वौयस चैट से कनैक्ट होने को कहा. इस में पाया गया कि एकदूसरे से बात कर के वे ज्यादा जुड़ाव महसूस कर रहे हैं. यहां तक कि जो लोग सिर्फ वौयसकौल से जुड़े, उन्हें भी साथियों के साथ अच्छी बौंडिंग नजर आई.

रिचर्स में ये 4 बातें सामने आई हैं

लोगों को बोल कर बातें करने में झिझक महसूस होती है.

असुरक्षा के चलते टैक्स्ट मैसेज भेजते हैं.

टैक्स्ट चैट से तेज है वौयस चैट में बौंडिंग.

वौयस चैट में मिसअंडरस्टैंडिंग का खतरा कम है.

बोल कर बात करने के फायदे

अकेलेपन से छुटकारा.

तनाव कम.

लोगों से जुड़ा हुआ महसूस करेंगे.

दोस्तरिश्तेदारों से मजबूत बौंडिंग होगी.

हमें क्या करना चाहिए

जितना ज्यादा हो सके, बोल करबात करें.

औफिस जा कर काम करने में संकोच न करें.

बोल कर बात करने में झिझक महसूस न करें.

सामाजिक जुड़ाव कम न होने दें.

साथ काम करने वाले साथियों से मजबूत बौंडिंग रखें.

रिसर्च में यह भी पाया गया है कि लोग बोल कर बात करने से पीछे हटते हैं. उस की जगह मेल या टैक्स्ट मैसेज का यूज करना ज्यादा पसंद करते हैं. लोगों को लगता है कि बोल कर बात करना भद्दा लग सकता है या फिर सामने वाला उसे गलत समझ सकता है, इसलिए वे बात करने से कतराते हैं.

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मैक कोम्ब्स बिजनैस स्कूल में असिस्टैंट प्रोफैसर अमित कुमार कहते हैं कि लोग आवाज वाले मीडिया से ज्यादा कनैक्ट महसूस करते हैं लेकिन लोगों के अंदर भद्दा लगने और गलत महसूस किए जाने का डर भी होता है. इस के चलते लोग टैक्स्ट मैसेज ज्यादा भेजते हैं. आज सोशल डिस्टैंसिंग भले लोग बरत रहे हैं लेकिन हमें सोशल बौंडिंग की भी जरूरत है.

कोरोना के बाद लोगों की सोशल बौंडिंग कम हुई

अमेरिका लेबर सप्लाई कंपनी ऐडको ने 8 हजार वर्कर्स में वर्क फ्रौम होम को ले कर एक सर्वे किया. इस के मुताबिक, हर 5 में से 4 लोग घर से काम करना चाहते हैं. हालांकि, घर से काम करने में कम्युनिकेशन गैप बढ़ गया है और लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं. इस के अलावा वर्क फ्रौम होम से लोगों का फेसटूफेस बात करने का समय भी कम हो गया.

रिमोट वर्किंग में चुनौतियों को ले कर

लोग क्या कहते हैं

कोऔर्डिनेशन और कम्युनिकेशन की कमी.

अकेलापन.

कुछ और करते समय नहीं.

घर पर डिस्टर्बैंस.

दोस्तों से अलग टाइमजोन.

मोटिवेट रहने की चुनौती.

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वैकेशन लेने में समस्या.

इंटरनैट की दिक्कत.

अन्य और भी.

लिख कर बात करने के बजाय बोल कर

बात करने के फायदे

लोगों से ज्यादा जुड़े रहेंगे.

स्ट्रैस फ्री रहेंगे.

स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.

अपनापन महसूस करेंगे.

सोशल बौंडिंग के लिए क्या करें

चैटिंग या टैक्स्ट मैसेज करने के बजाय कौल कर के बात करें.

अपने दोस्त, रिश्तेदार या सहकर्मियों से फोन कर बात करें तो उन्हें ज्यादा अच्छा लगेगा.

सोशल मीडिया पर अपना स्क्रीनटाइम कम करें.

वर्क फ्रौम होम में अगर अकेलापन महसूस हो तो औफिस जा कर काम करें.

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