जैसे-जैसे समाज, देश विकसित होता जा रहा है, वैसे वैसे लोगों में पैसों को लेकर लालच बढ़ती चली जा रही है. ऐसे में रुपए कमाने के लिए मेहनत से दूर रहने वाले, आलसी किस्म के लोग सबसे आसान रास्ता लोगों को ठगने, मुर्ख बनाने का समझते हैं. आज इस रिपोर्ट में हम आपको ठगी के कुछ ऐसे अनोखे प्रकरण बताने जा रहे हैं जो छत्तीसगढ़ में घटित हुए हैं और यह सब बताते हैं कि हमें सतर्क किस तरह रहना होगा.

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में अगरबत्ती में इस्तेमाल की जाने वाले कपूर के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की घटना सामने आई है.यही नहीं किसानों को उन्नत बीज उपकरण देने के नाम पर ठग लिया गया. अंततः ठग किस तरह पकड़े गए पढ़िए आगे-

कपूर सप्लाई करने का झांसा देकर 1 लाख 86 हजार रु की धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को बिलासपुर के कोतवाली पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कल की लाया . इन आरोपियों ने खुद को डिवाइन टेम्पर प्राइवेट लिमिटेड इंदौर का प्रतिनिधि बताया और घटना को अंजाम दिया था.

पीड़ित परेश सचदेव दयालबंद में रमेश केमिकल इंडस्ट्री के नाम से दुकान संचालन कर अगरबत्ती बनाने का काम करता है. जिसमें कच्चे माल के रूप में कपूर का इस्तेमाल होता है. उसके पास जुलाई महीने में एक नंबर से फोन आया और खुद को डिवाइन टेम्पर प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर मध्य प्रदेश का प्रतिनिधि होना बताया . बातचीत के बाद दोनों के बीच कपूर लेन देन का रेट तय हुआ.

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जिसके बाद पीड़ित ने उसके खाते में 1 लाख 86 हजार रुए नेफ्ट के माध्यम से ट्रांसफर कर दिया, लेकिन पैसे ट्रांसफर करने के बाद भी उसने कपूर सप्लाई नहीं किया. जब 4 माह बीत गया और कपूर नहीं मिला तब प्रार्थी ने पुलिस थाने में दस्तक दी.

शिकायत के बाद पुलिस ने टीम गठित कर मामले की जांच की और साइबर सेल की मदद से टीम को दिल्ली रवाना किया . पुलिस ने दबिश देकर गुलशन सिंह ( 24 वर्ष ), मो जस्सीम ( 19 वर्ष ) और समीर प्रताप ठाकुर ( 36 वर्ष ) को गिरफ्तार किया. सभी आरोपी दिल्ली के रहने वाले है . इनके पास से नगद 1 लाख 50 हजार , 4 मोबाइल फोन , चेक बुक और एटीएम कार्ड बरामद किया गया है.

सीधे सरल किसानों को बनाते हैं ऐसे उल्लू!

छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर में किसान इंडिया बायोटेक कंपनी के नाम से किसानों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार कर बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल, रसायनिक खाद, 2.5 लाख रुपए सहित कागजात बरामद किया है. पुलिस बताती है कि इस ठग गिरोह ने छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश, पंजाब, ओडिशा और बिहार में सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक- कुछ लोगों ने गांधी नगर निवासी प्रतिमा मिश्रा को ऑर्गेनिक खाद की डीलरशिप देने का झांसा देकर किश्तों में 2 और 3 लाख रुपए वसूल लिया. बहुत दिनों तक खाद की सप्लाई नहीं होने पर प्रतिमा ने संपर्क साधा तो मोबाइल बंद थे. वह तोरवा स्थित ऑफिस भी पहुची तो वहां ताला लगा था. ऐसी परिस्थितियों में उसे ठगी का अहसास हुआ और सिविल लाइन थाने में फरियाद की. जिसके बाद पुलिस ने ‘ऑपरेशन किसान’ का शुभारंभ किया. जांच पड़ताल में जानकारी मिली . किसान इंडिया बायोटेक के नाम पर बंधन बैंक बिलासपुर में खोले गए खाते से जानकारी एकत्र की गई.

इससे पता चला कि दिसंबर 2019 से जनवरी 2020 तक खाते से करीब 1,76,41,744 रुपए का अदान-प्रदान किया गया. एक खाता सागर में भी कोटक महिंद्रा बैंक की शाखा में खोल 40 लाख रुपए से ज्यादा की रकम निकाली गई. यह खाते एक आधार नंबर पर अलग-अलग नाम से खोले गए थे. यह जानकारी भी पुलिस को मिली की आरोपी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बलरामपुर, लखनऊ आदि शहरों के रहवासी हैं. इस बीच‌ जिला राजनांदगांव में ग्लोबल एग्री बायोटेक के नाम से कुछ लोगों के प्रचार-प्रसार करने की सूचना मिली.इस पर पुलिस ने दबिश देकर देवरिया, उत्तर प्रदेश निवासी शक्ति सिंह उर्फ सतीश सिंह, बलरामपुर, उत्तर प्रदेश निवासी प्रदीप शर्मा उर्फ सौरभ सिंह और गोरखपुर निवासी कृष्ण मोहन पांडेय को धर दबोचा.

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महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किसानों को “उन्नत फलदार वृक्ष के बीज” के नाम पर बनाते ठगा करते थे. आरोपियों ने पुलिस हिरासत में आने के बाद अपने इकबालिया बयान में बताया कि राजनांदगांव में ग्लोबल एग्री टेक्नोलॉजी के नाम से कार्यालय खोला था. राजनांदगांव, डोंगरगढ़, दुर्ग और कांकेर के लोगों को टार्गेट कर ठगी के फिराक में थे. हर बार अपना नाम बदल कर विभिन्न राज्यों के किसानों को उन्नत फलदार वृक्ष के बीज की डीलरशिप के लिए किसान इंडिया बायोटेक से जुड़ने का झांसा देते ठगते और गायब हो जाते .

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