छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन ठग गिरोह का भंडाफोड़ कर उन्हें जेल की सीखचों में डाल दिया है. न्याय धानी बिलासपुर जिले के पुलिस  अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल बताते हैं कि एक अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है.

दरअसल,पाकिस्तानी सरगना बड़े मामू (असगर) छोटे मामू (असरफ) और सलीम मिलकर डिजिटल करेंसी की हेराफेरी कर ठगी के कारोबार को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में और अन्य दूसरे देशों में भी अंजाम देते  थे. ठगी के इस मामले के तार पाकिस्तान के अलावा सऊदी अरब और मलेशिया से भी जुड़े  हैं. सनसनीखेज तथ्य है कि इस नेटवर्क के अनेक गुर्गे देश के अनेक राज्यों में मौजूद हैं और “ऑनलाइन ठगी” से जुटाए रूपए उन्हें भेजा करते थे.

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जैसा कि आज डिजिटल ठगी का दौर चल रहा है लोगों के फोन पर लगातार कॉल आ रहे हैं और उन्हें ठगा जा रहा है ऐसे में छत्तीसगढ़ की बिलासपुर पुलिस का यह प्रयास अपने आप में महत्वपूर्ण है.इसका सीधा संदेश यह है कि पुलिस और सरकार अगर चाहे तो ठगों को दूसरे देशों के होने के बाद भी उन पर अंकुश लगा सकती है.

ठगी नाक का सवाल बनी!

बिलासपुर पुलिस के लिए यह अंतरराष्ट्रीय ठग नाक के बाल की तरह एक चैलेंज बन गए थे. दरअसल, हुआ यह कि बिलासपुर जिले में पदस्थ जनक राम पटेल नामक एक नगर सैनिक को 65 लाखों रुपए, इस गिरोह ने लालच देकर ठग लिए. जब नगर सैनिक ने मामले की रिपोर्ट बिलासपुर सिविल थाने में दर्ज कराई तो पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के लिए यह एक चैलेंज थी. उन्होंने एक टीम बनाई और धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय गिरोह तक पुलिस पहुंच गई और अंततः पांच लोगों को गिरफ्तार करके बिलासपुर लाया गया.

उल्लेखनीय है कि बिलासपुर पुलिस ने मुंबई, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में अभियान चलाकर  ठगों को गिरफ्तार किया है. ठगों के पास से लैपटॉप, मोबाइल और 15 लाख रूपए नगद, अनेक एटीएम कार्ड तथा बैंक की पास बुक बरामद किए गए हैं. इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंको में ठगों के खाते में 27 लाख रूपए जमा होने की जानकारी पुलिस के पास है.

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पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने  संवाददाता को बताया कि बिलासपुर जिले के सीपत थाना क्षेत्र के अंतर्गत हरदाडीह निवासी जनक राम पटेल 35  साल को इस वर्ष जनवरी माह के अंतिम सप्ताह और फरवरी माह के प्रथम सप्ताह के मध्य पाकिस्तानी मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप कॉल और चैटिंग के माध्यम से ठगों से बातचीत हुई थी. पटेल को झांसा दिया गया कि वह जियो से मालिक मुकेश अम्बानी बोल रहे हैं और जियो के लकी ड्रा के नाम पर उनकी 25 लाख रूपये की लाटरी निकल आई है. अगर वह सोनी टीवी पर चलने वाले आगामी सितंबर 2020 में अमिताभ बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम में भाग्यशाली विजेता बनकर दो करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि जीतना चाहता है तो कुछ रकम उसे विभिन्न खातों में जमा करनी होगी. नगर सैनिक उनके झांसे में आ गया और उसने इस वर्ष एक फरवरी से आठ सितम्बर तक कुल 65 लाख रूपए ठगों के अलग-अलग खातों में जमा कर दिए. कुछ समय बाद उसे एहसास हुआ कि उसे ठग लिया गया है तो नगर सैनिक ने अपने उच्च अधिकारियों से गुहार लगाई.

पुलिस वाले भी हो रहे ठगी के शिकार

नगर सैनिक की शिकायत पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तब जानकारी मिली कि जनक राम पटेल से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के लगभग 12 विभिन्न खातों में पैसे जमा कराए गए हैं. यह तथ्य भी सामने आया कि इस दौरान सबसे बड़ी रकम करीब 50 लाख रूपए मध्यप्रदेश के रीवा जिले के विराट सिंह के विभिन्न बैंकों के खातों में जमा की गई थी. विराट सिंह यह रकम फोन पे और पेटीएम के माध्यम से वर्ली मुंबई निवासी राजेश जायसवाल के खातों और डिजिटल पेमेंट सोल्यूशन उड़ीसा आदि में ऑनलाइन स्थानांतरित करता था.

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आखिरकार  पुलिस दल ने रीवा से विराट सिंह को पकड़ लिया. विराट सिंह ने बताया कि वह पाकिस्तान के छोटे मामू उर्फ़ असरफ और बड़े मामू उर्फ़ असगर तथा सलीम के सरपरस्ती में  काम करता है. विराट सिंह ने  बताया कि वह अपना कमीशन लेकर कर बाकी  रकम बताए गए खातों में भेज देता है. विराट इस रकम को देश भर के अलग-अलग प्रान्तों, हैदराबाद, कर्नाटक, बेंगलोर, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, असम और दिल्ली के खातों में ट्रांसफर करता था.

आरोपी विराट सिंह की निशानदेही पर खाता धारक शिवम् ठाकुर और संजू चौहान को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया. वहीं पुलिस ने मुंबई जाकर राजेश जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया जो रकम को डिजिटल करेंसी बिट क्वाइन में तब्दील कर भेजता था.

पुलिस  ने उड़ीसा में डिजिटल पेमेंट सोल्यूशन के संचालक सीता राम गौड़ा को भी हिरासत में लिया है जिसने अपने खाते में लगभग 15 लाख रूपये की रकम को जमा किया था. पुलिस ने इस रकम को सीज किया है.

यही नहीं 24 परगना पश्चिम बंगाल, गोपालगंज, बिहार, पश्चिम बंगाल के बाखर हाट और कृष नगर, पश्चिम गाजियाबाद, हुगली, सूरत, उत्तराखंड आदि स्थानों के कई आरोपियों की पहचान की जा चुकी है. अब इस ठगी के कुछ आरोपियों  के हाथ आने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती है  की किस तरह इस अंतरराष्ट्रीय ठगों के मुख्य सरगनाओं व गिरोह के सदस्यों को पकड़ती है. मामला संवेदनशील है क्योंकि मामला पाकिस्तान आदि देशों से जुड़ा हुआ है.

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