लौक डाउन के 21 दिनों में जनता को घर से कम से कम निकलना पड़े इसको इंतजाम करने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई प्रयोग किये जा रहे है. सरकार की सोच है कि यह काम सफल होने से लोग घरों से कम निकलेंगे जिससे करोना वायरस के फैलने का खतरा कम होगा. सड़को पर सामान खरीदने के लिए जुटने वॉले लोगो को निकलने से रोका जा सकता है.
लखनऊ में सरकार ने ईजी डे, बिग बाजार, विशाल मेगा मार्ट, स्मार्ट बनिया, राउंड ओ क्लौक, फैमली बाजार, स्पेंसर, बिग बास्केट, ग्रॉफर, स्वगी, जोमैटो, अमेजन और फिल्पकार्ड को लोगो को औन लाइन समान पहुचने के लिए कहा है. औन लाइन डिलीवरी करने वाली यह सभी दुकानें एक सप्ताह से अधिक का समय सामान डिलीवरी करने में लगा रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इनके पास ऐसी बड़ी व्यवस्था नही है जो इतनी बड़ी संख्या में लोगो तक माल पहुचा सके. ऐसे में घर और कालोनियों के खुली दुकानें मनमाने भाव मे समान बेच रही है. सरकार ने मूल्य सूची भी दुकानों पर लगवा दी है इसके बाद भी मुनाफाखोरी कम नही हो रही. सबसे बड़ी परेशानी फल और सब्जियों की आ रही है. गांवों के आसपास लगने वाली बाज़ारो को बंद कर दिया गया है. मंडियों में केवल थोक व्यापारी को ही जाने की अनुमति है. इसके अलावा वहां पुलिस की अपनी अलग मनमानी चल रही है. पुलिस की पिटाई को "सुताई" का नाम प्रचलित हो गया है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप