मैंगलुरु. सीएए और एनआरसी के खिलाफ 19 दिसंबर, 2019 को कर्नाटक के मैंगलुरु में प्रदर्शन हुए थे. उस से कुछ घंटे पहले ही जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा गया था कि दक्षिण कन्नड़ जिले के कालेज उन छात्रों पर नजर रखें, जो केरल के रहने वाले हैं.

दरअसल, ये प्रदर्शन हिंसक हो उठे थे. आरोप है कि कई लोग पुलिस की गोली से भी मारे गए थे. लेकिन असली विवाद तो बाद में इस सर्कुलर के चलते पैदा हो गया. राजनीतिक पार्टियों, छात्रों और शिक्षाविदों ने इस की बुराई करते हुए इसे भेदभाव वाला बताया, जबकि सरकारी अफसरों का कहना था कि सर्कुलर का मकसद केरल के छात्रों की सिक्योरिटी के लिए था, उन्हें बदनाम करने का नहीं था.

अपनों में बढ़ी दरार

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज्यादा पसंद नहीं हैं, पर चूंकि वे राजग में शामिल हैं, इसलिए भाजपा का गुणगान कर ही देते हैं.

हालिया माहौल पर नीतीश कुमार के ‘चाणक्य’ प्रशांत किशोर ने बयान दे डाला कि इस बार जनता दल (यू) बिहार विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़े, क्योंकि कई राज्यों में मिली हार के बाद भाजपा बैकफुट पर है.

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नीतीश कुमार ने 2-4 दिन इस डिमांड को पनपने दिया, पर इस का कोई असर नहीं दिखा. फिर भाजपाई सुशील कुमार मोदी और प्रशांत किशोर की आपसी दरार के बाद नीतीश कुमार ने नए साल पर कह दिया कि गठबंधन में सब ठीक है. पर यह अब भाजपा के दिमाग में रहेगा कि चुनाव के समय जद (यू) अपना दावा ठोंकेगा.

कांग्रेस अध्यक्ष का दावा

जम्मू. अगर जम्मू के सारे हिंदू भाजपा की तरफ हैं, तो आप की यह सोच एकदम गलत है. वहां के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने 31 दिसंबर, 2019 को दावा किया कि जम्मू क्षेत्र और दक्षिण कश्मीर के विभिन्न भागों की प्रस्तावित यात्रा से पहले यहां कांग्रेस पार्टी की ही जम्मूकश्मीर इकाई के अध्यक्ष जीए मीर और कई दूसरे बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया.

रवींद्र शर्मा ने कहा, ‘‘एक तरफ तो सरकार जम्मूकश्मीर में सामान्य हालात होने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ वह राजनीतिक गतिविधियों के लिए विपक्ष को इजाजत नहीं दे रही है. सामान्य हालात होने का उस का दावा खोखला है.’’

निरंजन ज्योति के बिगड़े बोल

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रियंका गांधी बहुत ज्यादा सक्रिय हो गई हैं. उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लिया हुआ है. इसी सिलसिले में उन्होंने भगवा कपड़े को ले कर वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एक विवादित बात कही. पिछले साल के आखिर में वे बोलीं कि प्रियंका गांधी भगवा रंग का मतलब नहीं समझ सकतीं, क्योंकि वे नकली गांधी हैं. उन्हें अपने नाम के आगे से गांधी हटा लेना चाहिए और अपना नाम प्रियंका फिरोज कर लेना चाहिए.

अगर नामों का इतना महत्व ही है तो आदित्यनाथ और निरंजन अपने नाम के आगेपीछे पुछल्ले क्यों लगाए रखते हैं?

भागवत के खिलाफ शिकायत

हैदराबाद. मोहन भागवत ने 25 दिसंबर, 2019 को यहां एक जनसभा में कहा था कि धर्म और संस्कृति पर ध्यान दिए बिना, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति और उस की विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और संघ देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है.

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मोहन भागवत के इस बयान पर कांग्रेस नेता वी. हनुमंत राव ने 30 दिसंबर, 2019 को उन के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया, ‘‘भागवत के बयान से न केवल मुसलिमों, ईसाइयों, सिखों, पारसियों वगैरह की भावनाओं और आस्था को ठेस पहुंची है, बल्कि यह भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ भी है.’’

जजपा में घमासान

चंडीगढ़. हरियाणा की राजनीति में ‘दादा’ के नाम से मशहूर नेता रामकुमार गौतम ने अपनी पार्टी जननायक जनता पार्टी के खिलाफ बागी तेवर दिखाए और इस्तीफा देते हुए अपने नेता दुष्यंत चौटाला को कोसते हुए कहा था कि उन्हें मंत्री न बनाए जाने का गम नहीं है, लेकिन दुख इस बात का है कि गुरुग्राम के मौल में जो गुप्त समझौता हुआ है, उस के लिए बलि का बकरा उन्हें क्यों बनाया गया? उपमुख्यमंत्री ने 11 विभाग अपने पास रखे हैं, जबकि पार्टी के मात्र एक विधायक को एक कनिष्ठ मंत्री बनाया गया.

शिव सेना के बागी तेवर सफल होते देख दुष्यंत चौटाला भी किसी दिन अपने विधायकों के गुस्से को शांत करने के लिए कांग्रेस से समझौता कर सकते हैं.

तू डालडाल मैं पातपात

नई दिल्ली. दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 26 दिसंबर, 2019 को निर्वाचन आयोग की पहली बैठक होने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अपनेअपने किए गए कामों को गिनाने की रेस शुरू हो गई. पिछले 5 साल से अटके बहुत से प्रोजैक्टों की केजरीवाल सरकार और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने या तो बुनियाद रखी या फिर उन का उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तकरीबन 1,700 कच्ची कालोनियों को पक्का करने का ऐलान किया, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने 5 साल के कामों का रिपोर्टकार्ड जारी किया और 65,000 झुग्गी वालों को पक्का मकान बना कर देने का सर्टिफिकेट दिया.

मोदी सरकार को कच्ची कोलोनियों को तो 4 साल पहले ही पक्का कर देना चाहिए था. अब तक क्या कर रही थी?

सावित्रीबाई फुले का दर्द

लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी से सांसद रही सावित्रीबाई फुले ने नाराज हो कर पार्टी को छोड़ दिया था और बड़ी ठसक के साथ वे कांग्रेसी हो गई थीं. पर अब उन्होंने कांग्रेस का दामन भी छोड़ दिया है.

26 दिसंबर, 2019 को कांग्रेस से इस्तीफा देने से पहले सावित्रीबाई फुले ने आरोप लगाया कि पार्टी में उन की बात नहीं सुनी जाती है. इतना ही नहीं, कांग्रेस को अलविदा कहते हुए उन्होंने दावा किया है कि वे खुद की पार्टी बनाएंगी.

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सावित्रीबाई फुले का यह फैसला सही है, क्योंकि जब खुद की पार्टी होगी तो यह भगवाधारी नेता किसी की अनसुनी का शिकार तो कतई नहीं होगी.

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