रघुवर दास ने नरेंद्र मोदी के चुनावी नारे ‘घरघर मोदी’ की नकल कर के  झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘घरघर रघुवर’ का नारा दिया था, लेकिन  झारखंड की जनता ने उन्हें पूरी तरह से बेघर कर दिया. एक तरफ उन की मुख्यमंत्री की कुरसी गई तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने विधायकी भी गंवा दी. भाजपा के ही बागी नेता सरयू राय ने उन्हें जमशेदपुर पूर्व सीट पर पटकनी दे दी. उस सीट से रघुवर दास पिछले 24 सालों से लगातार जीत रहे थे.

रघुवर दास ने ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ शुरू कर जनता से 64 से ज्यादा सीटें जीतने का आशीर्वाद भी मांगा था, पर जनता ने उन पर अपना गुस्सा ही निकाला और उन्हें 25 सीटों पर ही समेट दिया.

वहीं विपक्ष किसी आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने की रणनीति में कामयाब रहा. राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन के सभी नेताओं ने किसी आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की पुरजोर वकालत की थी. गौरतलब है कि रघुवर दास  झारखंड के पहले गैरआदिवासी मुख्यमंत्री बने थे.

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की ‘बदलाव यात्रा’ कामयाब रही और राज्य की जनता ने उन पर भरोसा करते हुए बदलाव की इबारत लिख डाली.

ये भी पढ़ें- पौलिटिकल राउंडअप : सरकारी सर्कुलर पर विवाद

हेमंत सोरेन रघुवर दास के ‘घरघर रघुवर’ के नारे का मजाक उड़ाते हुए कहते थे कि घरघर में चूहा होता है, चूहे को चूहेदानी में डाल कर वे छत्तीसगढ़ में छोड़ आएंगे.

गौरतलब है कि रघुवर दास मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. हेमंत सोरेन की इन बातों को जनता ने हकीकत में बदल दिया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...