पोटली में गहने रखो, 2 घंटे में दोगुने हो जाएंगे, इस फरेब का अरसे से कम पढ़ीलिखी महिलाएं शिकार होती रही हैं. अब कंप्यूटरसैवी और खुद को बहुत होशियार समझने वाले, जमाने पर पकड़ रखने का दावा करने वाले भी फरेबियों के शिकार हो रहे हैं. आप के पैसों को जल्द ही 2-3 गुना करने वाले मिल ही जाते हैं. रिपल कौइन खरीद कर बिटकौइन की तरह फायदा कमाने का लालच देने वाली एक वैबसाइट ने 200 लोगों के 100 करोड़ रुपए ठग लिए.

नवंबर 2017 में शुरू हुई वैबसाइट पर इस इंटरनैशनल कौइन का व्यापार शुरू हुआ और लोगों ने टैस्ट करने के लिए शुरुआत में अपनी छोटी रकमों को निवेश किया. बदले में अच्छा रिटर्न मिलने पर लोग धड़ाधड़ पैसा लगाने लगे और कुछ ने तो 50 से 80 लाख रुपए तक लगा दिए.

जैसा स्वाभाविक है, शुरू में कुछ लोगों को फायदा हुआ पर बाद में अचानक वैबसाइट बंद हो गई और कर्ताधर्ता गायब हो गए. अनुमान है कि लोगों को 100 करोड़ रुपए की चपत तो लग ही गई. यह रकम शायद काली नहीं थी यानी ब्लैक मनी नहीं थी क्योंकि बैंक द्वारा ट्रांजैक्शंस बाकायदा अकाउंट नंबर दे कर किए गए.

तुरंत पैसा कमाने की पौंजी स्कीमें दुनियाभर में चलती रहती हैं. शुरू में कुछ को मोटा कमाने का लालच दिया जाता है और फिर जमा हो रहे पैसों से कुछ को मोटा लाभ भी दे दिया जाता है. वहीं, कुछ को टरका दिया जाता है. कुछ हालात में यह व्यापार वर्षों चल जाता है. इस से हवाई जहाज, अखबार, होटल, स्कूल तक बना लिए जाते हैं. ऐसी स्कीमों में कुछ का काला कुछ का सफेद धन लगता है. उन में से कुछ को फायदा दे दिया जाता है और बहुतों को लूट लिया जाता है.

इस मामले में कानून, पुलिस और अदालतें कुछ ज्यादा नहीं कर सकतीं. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के सुब्रत राय को डेढ़ साल तक बंद रखा पर न पैसे मिले और न रहस्य खुला कि किनकिन का पैसा गायब हुआ. पैसा आया जोकि कमाया नहीं गया, यह मालूम होते हुए भी अपराध साबित न हो सका.

देशभर में ऐसा व्यापार जम कर चल रहा है, क्योंकि यहां तो धारणा ही यह है कि पैसा मेहनत से नहीं, पूजापाठ से बनता है. यहां बौलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन और सब से बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी तक मंदिरों की यात्राएं विधिवत, नियमित करते हैं. लोगों को यह लगता नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है कि लक्ष्मी तो पूजा से प्राप्त होती है. रिपल कौइन में पैसा लगाना और गंवाना इसी का ही नतीजा है. देश में भविष्य में कुछ बदलेगा और लोग इन धांधलियों से सबक सीखेंगे, यह भूल जाइए.

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