तेज रफ्तार में लहरिया कट चलती मोटरसाइकिल की पिछली सीट पर बैठना अपनेआप में दिलेरी का काम है. पटना के वीआईपी इलाके बेली रोड पर सुबह के समय बाइकर्स गैंग का राज चलता है. सुदेश राज की मोटरसाइकिल होंडा सीवीआर-250 की पिछली सीट पर बैठना मौत के कुएं में कूदने जैसा दिल दहलाने वाला लगता है. बाइक के रफ्तार पकड़ने के साथ ही समूचे शरीर में सिहरन सी दौड़ पड़ती है. सुदेश राज के कंधों को अपने दोनों हाथों से जोर से पकड़ कर बैठने के बाद भी हर पल गिरने का खौफ बना रहता है. पलक झपकते ही बाइक हवा से बातें करने लगती है.
तकरीबन एक किलोमीटर तक 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बाइक चलाने के बाद सुदेश राज अचानक ही ब्रेक लगाता है और पूरी मोटरसाइकिल स्किड करती हुई उलटी दिशा में घूम जाती है. इस से सुदेश राज के चेहरे पर कामयाबी की मुसकराहट तैर जाती है और डर के मारे मेरे मुंह से चीख निकल जाती है. उस के बाद फिर बाइक रफ्तार पकड़ने लगती है और सुदेश राज मुझ से कहता है कि उस के कंधे को जोर से पकड़ लें. जब तक मैं कुछ समझ पाता, सुदेश राज ने बाइक का अगला पहिया हवा में उठा लिया. मेरी तो घिग्घी बंध गई. मैं चिल्लाया, ‘‘अरे, बाइक रोको. मुझे उतरने दो.’’ सुदेश राज को मेरी घबराहट देख कर और ज्यादा मजा आ रहा था. वह कहने लगा, ‘‘अंकल, अभी तो यह शुरुआत है. अभी तो आगेआगे देखिए होता है क्या.’’
इतना कह कर सुदेश राज ने बाइक की रफ्तार झटके में बढ़ा दी और उस का हैंडल छोड़ कर गाना गुनगुनाने लगा, ‘‘धूम मचा ले, धूम मचा ले, धूम…’’ रफ्तार के दीवाने सुदेश राज का खून उबाल मार रहा था और दूसरी ओर डर के मारे मेरा तो खून सूखा जा रहा था. कुछ देर बाद बाइक की स्पीड कम होते ही मैं तकरीबन कूद कर नीचे उतर गया और सुदेश राज हाथ हिलाता हुआ अपने बाकी बाइकर दोस्तों के साथ हवा हो गया. बेली रोड, पटना के वीमंस कालेज के पास से बाइकर्स गैंग की रेसिंग शुरू होने वाली थी. मैं ने एक बाइकर सुदेश राज से कहा कि मैं भी बाइक की पिछली सीट पर बैठ कर रफ्तार का मजा लेना चाहता हूं. मेरी बात को सुन कर सुदेश राज और उस के गैंग के बाकी दोस्तों ने जम कर ठहाका लगाया.
एक ने कहा, ‘‘क्यों अंकल, इस उम्र में हड्डियां तुड़वाने का इरादा है क्या?’’
तभी दूसरे ने मुझ पर फब्ती कसी, ‘‘हम लोगों की बाइक की स्पीड देख कर तो आप का हार्ट फेल हो जाएगा?’’ तीसरे ने सलाह दी, ‘‘पहले अपने घर वालों से लिखवा कर ले आओ कि कोई अनहोनी हुई, तो इस के लिए हम बाइकर्स जिम्मेदार नहीं होंगे.’’
सभी ने जोर का ठहाका लगाया और मोटरसाइकिल के ऐक्सिलेटर को तेज कर कानफाड़ू आवाजें निकालने लगे. मैं ने उन से कहा कि मुझे भी अपनी बाइक पर बिठा कर थोड़ी दूर तक ले चलो और अपनी बाइक की स्पीड थोड़ी कम ही रखना. इस के जवाब में एक बाइकर जांबाजी दिखाते हुए अकड़ के साथ बोला, ‘‘बाइक की स्पीड तो हमारी ही मरजी के हिसाब से होगी. बैठना है तो बैठो, वरना अपनी मौर्निंग वाक करो.’’ मेरी चिरौरी को सुन कर सुदेश राज ने अपने एक साथी से कहा कि अंकल को हैलमैट पहना दो. उस के बाद मैं सुदेश राज की बाइक की पिछली सीट पर बैठ गया. वीमंस कालेज से ले कर गोल्फ क्लब तक बाइक कुछ ही सैकंड में पहुंच गई और उतनी देर में ‘कलेजा मुंह को आना’ वाली कहावत सच में मुझ पर तबदील हो चुकी थी. इस में कोई शक नहीं है कि बाइकर्स रफ्तार, जांबाजी और कलाबाजी का बेजोड़ नमूना सड़कों पर दिखाते हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर बाइकर्स गैंग शहर के आम लोगों के लिए दहशत बने हुए हैं.
बाइकर्स गैंग में ज्यादातर 15 से 22 साल की उम्र के लड़के होते हैं. यमहा फेजर, यमहा एफजेड-1, होंडा सीवीआर, होंडा सीवी ट्रिगर, सुजुकी जिक्सर एसएफ, सुजुकी जीएस-150, बजाज पल्सर-350, कावासाकी निंजा, हीरो ऐक्स्ट्रीम स्पोर्ट्स, हीरो करिज्मा वगैरह मोटरसाइकिल बाइकर्स की पहली पसंद हैं. इन की कीमत 70 हजार से डेढ़ लाख रुपए के बीच है. रईस घरों के बाइकर्स भी तकरीबन 10 से 15 लाख रुपए की कीमत वाली सुजुकी बैंडिट, सुजुकी एम-1800 आरजेड, यमहा वाईजेडएफ-आर 11, कावासाकी जैसी बाइकों का जम कर इस्तेमाल करते हैं.
सड़कों पर बाइक ले कर निकले बाइकर्स गैंग के लोग खुद को रोड का राजा मानते हैं और कदमकदम पर कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं. कई शहरों में बाइकर्स गैंग लड़कियों से छेड़खानी और चेन स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देते हैं. पिछले दिनों पटना के बेली रोड पर चिडि़याखाना के पास बाइकर्स गैंग ने 2 औरतों के गले से सोने की चेन झपट ली थी. पास खड़े पुलिस वाले भी तमाशा देखते रह गए. पटना के एक कारोबारी विनोद कुमार पांडे कहते हैं कि वे रोज दफ्तर बंद कर रात 8-9 बजे घर जाते हैं, तो रास्ते में बाइकर्स गैंग का बवाल देख कर मन में खौफ पैदा होता है. पता नहीं, कलाबाजी दिखाने के चक्कर में किसे धक्का मार दें? तेज रफ्तार से दौड़ती बाइक से टकरा कर किसी की जान न चली जाए? बाइकर्स गैंग वाले खुद तो अपनी जान जोखिम में डालते ही हैं, सड़क पर चलने वाले दूसरे राहगीरों की जान पर भी खतरा बना रहता है.
किसी एक बाइकर का बाइक पर से बैलैंस बिगड़ने पर वह खुद तो हादसे का शिकार होता ही है, साथ ही कई लोगों को भी अपने लपेटे में ले लेता है. पटना में भी बाइकर्स गैंग की शुरुआत हो चुकी है. दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरु, अहमदाबाद, जयपुर वगैरह शहरों में बाइकर्स गैंग की भरमार है और वे रोज सड़कों पर कलाबाजियां दिखाते हैं. बाइकर्स की रफ्तार और स्टंट को देख कर जहां लोगों के मन में खौफ पैदा होता है, वहीं कई लोग उन के करतबों को दांतों तले उंगलियां दबा कर देखते हैं और मजे लेते हैं. पटना यूनिवर्सिटी के लैक्चरार पीके सिंह कहते हैं कि सड़कों पर बाइकर्स की कलाबाजियों को देखना रोमांचक होता है. सड़कों के किनारे खड़े हो कर कई लोग सर्कस जैसा मजा लेने के लिए बाइकर्स का इंतजार करते देखे जा सकते हैं.
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश का रहने वाला सुमित यादव बाइकर्स गैंग का मैंबर है. वह पिछले ढाई साल से गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली की सड़कों पर अपनी पल्सर-350 बाइक पर स्टंट करता रहा है. सुमित यादव बताता है कि उस के गैंग में 32 लड़के हैं और वे रात ढलते ही तेज रफ्तार से सड़कों पर बाइक चलाते हैं और कलाबाजियां दिखाते हैं. वह दिलेरी दिखाते हुए कहता है कि बाइक से स्टंट करते हुए वह 3 बार हादसे का शिकार हुआ, लेकिन उस के बाद भी उस का हौसला कम नहीं हुआ है. एक बार तो बाइक से गिरने पर उस का बायां हाथ टूट गया था.
एक महीने बाद जब प्लास्टर खुला, तो वह फिर से अपनी बाइक ले कर सड़कों पर उतर आया. बाइकर्स गैंग पुलिस के लिए खासा सिरदर्द बने हुए हैं. पिछले साल जुलाई महीने में नई दिल्ली में बाइकर्स गैंग को काबू में करने के लिए पुलिस ने एक बाइकर की बाइक के पिछले टायर में गोली मारी, लेकिन गोली बाइक के पीछे बैठे करन पांडे नाम के एक लड़के को जा लगी. उस की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं बाइक को चला रहा पुनीत शर्मा जख्मी हो गया. पुलिस ने जांच में पाया कि पुनीत नशे में धुत्त हो कर बाइक चला रहा था. कई मामलों में यह पाया गया है कि नशे की हालत में बाइकर्स सड़कों पर स्टंट करते हैं और कई हादसों को न्योता देते हैं.
VIDEO : ट्राइंगुलर स्ट्रिप्स नेल आर्ट
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