उज्बेकिस्तान में हुई ‘49वीं एशियन बौडी बिल्डिंग ऐंड फिजिक चैंपियनशिप’ में भारत की 27 साला श्वेता राठौड़ ने सिल्वर मैडल जीत कर पूरी दुनिया को चौंका दिया. भारत संचार निगम लिमिटेड में अफसर अनिल कुमार की बेटी श्वेता राठौड़ जयपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की डिगरी हासिल करने के बाद दिल्ली में कई बड़ी कारपोरेट कंपनियों में नौकरी की, पर मुंबई पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी इवैंट मैनेजमैंट कंपनी शुरू की. साल 2014 में मुंबई में हुई ‘वर्ल्ड बौडी बिल्डिंग ऐंड फिजिक चैंपियनशिप’ ने श्वेता राठौड़ की जिंदगी बदल दी. आज वे बहुत बड़ी फिजिक सेलेब्रिटी बन चुकी हैं. इस के अलावा श्वेता राठौड़ ‘गौड्स ब्यूटीफुल चाइल्ड आर्गेनाइजेशन’ नामक एनजीओ के जरीए गरीब बच्चों, सिंगल मदर्स व आग से बुरी तरह जली औरतों को नई व बेहतर जिंदगी देने के काम को भी अंजाम दे रही हैं.
पेश हैं, श्वेता राठौड़ के साथ हुई लंबी बातचीत के खास अंश:
इंजीनियरिंग की डिगरी हासिल करने और कारपोरेट जगत में काम करने के बाद सब छोड़ कर फिटनैस जगत से जुड़ने का खयाल आप को कैसे आया
सबकुछ इतना अचानक नहीं हुआ. मैं स्कूल के दिनों से ही अपनी फिटनैस पर ध्यान देती रही हूं. जब मैं 10वीं जमात में पढ़ रही थी, तब से मैं ने जिम जाना शुरू कर रखा है. जिम करने के दौरान ही वेट लिफ्टिंग के प्रति मेरी दिलचस्पी बढ़ी. मैं ने हमेशा एडवांस वर्कआउट ही किया है, पर यह सब 2 साल पहले तक मैं खुद को फिट रखने के लिए करती थी.
‘फिजिक चैंपियन’ बनने का इरादा आप के मन में कैसे आया
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