मेट्रो का बढ़ा किराया मंगलवार से लागू हो गया. इस पर आम लोगों ने तो गुस्सा जाहिर किया ही, दिल्ली विधानसभा से लेकर सड़क तक भी तकरार नजर आई. ‘आप’ ने एक बार फिर इसके पीछे साजिश की बात कहकर भाजपा पर निशाना साधा, वहीं भाजपा ने दिल्ली सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. एबीवीपी ने सड़कों पर प्रदर्शन किया तो वहीं ‘आप’ ने मेट्रो स्टेशनों पर सत्याग्रह करने का ऐलान कर दिया है.

 ‘आप’ दो दिन किराया सत्याग्रह करेगी

दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ाने के विरोध में ‘आप’ सत्याग्रह करेगी. मंगलवार को ‘आप’ ने कहा कि केंद्र ने जबरदस्ती किराया बढ़ाया है. बुधवार और गुरुवार को शाम चार बजे ‘आप’ कार्यकर्ता हर मेट्रो स्टेशन पर लोगों को जागरूक करेंगे. इसके अलावा 13 अक्तूबर को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का घेराव करेंगे.

‘आप’ के प्रदेश संयोजक और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि किराया बढ़ने से मेट्रो से यात्रा करने वालों की संख्या में कमी आएगी. लोग यातायात के दूसरे साधनों की तरफ जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ने निजी कैब कम्पनियों को फायदा पहुंचाने के लिए मेट्रो का किराया बढ़ाया है. आंदोलन के सिवाय ‘आप’ के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है. ‘आप’ कार्यकर्ता मेट्रो स्टेशन के बाहर खड़े होकर न केवल विरोध करेंगे, बल्कि जनता से संवाद भी स्थापित करेंगे.

‘मेट्रो खाली हो जाएगी, सड़कों पर जाम बढ़ेगा’

दिल्ली सरकार के लोकनिर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने मेट्रो किराये में वृद्धि को बड़ी साजिश करार दिया है. जैन मंगलवार को विधानसभा में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के विरोध के बावजूद किराया बढ़ा दिया गया. इससे सड़कों पर जाम बढ़ेगा. लोग मेट्रो छोड़कर निजी वाहनों का इस्तेमाल करेंगे. सत्येंद्र जैन ने कहा कि मेट्रो में हर वर्ष आठ फीसदी तक यात्रियों का इजाफा होता है. किराया बढ़ाने के बाद यदि यात्रियों की संख्या में इजाफा नहीं होता है तो इससे साफ हो जाएगा कि लोग मेट्रो को लेकर उत्साहित नहीं हैं.

‘दस दिन पहले जागी सरकार’

विधायक ओपी शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार मेट्रो किराये पर महज दस दिन पहले जागी है. मेट्रो में दिल्ली सरकार की भी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 2009 से अब तक मेट्रो किराया चार बार में 21 प्रतिशत बढ़ा है. 2016 में किराया बढ़ाने के लिए कमेटी बनी थी, जिसमें 91 प्रतिशत किराया बढ़ाने का फैसला किया गया था. शर्मा ने कहा कि सरकार को मेट्रो के अगले चरणों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए ताकि यात्रियों को इन सेवाओं का लाभ मिले.

‘किसी राज्य को नहीं सौंप सकते’

मेट्रो में बढ़े किराये पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी में पत्र युद्ध छिड़ा है. केजरीवाल, पुरी को पत्र भेज रहे हैं और वे उनका जवाब भेज रहे हैं. ताजा पत्र में पुरी ने केजरीवाल को जवाब भेजते हुए कहा कि मेट्रो ज्वाइंट वेंचर में चलती है. इसे किसी राज्य को नहीं दिया जा सकता.

पुरी ने कहा, मुख्यमंत्री केजरीवाल को उनके अफसरों ने ठीक से नहीं बताया. एफसीसी की सिफारिशें रोकना डीएमआरसी बोर्ड के अधीन नहीं है. इस बाबत बार-बार सच्चई को नजरअंदाज किया जा रहा है. केजरीवाल तथ्यों से दूर हैं. शहरी विकास मंत्री ने कहा कि डीएमआरसी 50-50 के ज्वाइंट वेंचर में है.

जनता बोली, हमारा बजट बिगड़ गया

मेट्रो किराये में मंगलवार से बढ़ोतरी होने के बाद दिल्ली वाले परेशान नजर आए. छात्रों से लेकर दफ्तर जाने वाले कामगारों और आम लोगों ने परेशानी होने की बात कही. वहीं, कुछ लोग किराए में बढ़ोतरी से अंजान थे. इस दौरान कई जगह किराए में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए.

मयूर विहार फेस 1 मेट्रो स्टेशन. सुबह 11: 00 बजे : मयूर विहार फेस 1 मेट्रो स्टेशन पर सुबह के समय अन्य दिनों की तरह ही काफी भीड़ थी. यहां कुछ यात्री ऐसे मिले जिन्हें किराये में बढ़ोतरी की जानकारी नहीं थी. संजय सैनी ने अपने बेटे के साथ राजेंद्र पैलेस के लिए दो टोकन खरीदे तो उन्हें प्रति टोकन 40 रुपये चुकाने पड़े. इससे नाराज होकर वे मेट्रो सहायता केंद्र पर मौजूद ऑपरेटर से बहस करने लगे. उन्हें किराये में बढ़ोतरी की जानकारी दी गई. संजय ने बताया कि पहले वे 18 रुपये देते थे, फिर 30 रुपये देने लगे और अब यह किराया बढ़कर 40 हो गया है. उन्होंने कहा कि वे अब डीटीसी से चलने के बारे में सोच रहे हैं.

विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन, दोपहर 02: 00 बजे : विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर डीयू के कई छात्रों ने किराये में बढ़ोतरी पर निराशा जताई. लॉ फैकल्टी में पढ़ने वाले छात्रा अनुभव कौशिक ने बताया कि वे गुरुग्राम से आते हैं. उन्होंने कहा कि इस वर्ष दो बार किराया बढ़ाया जा चुका है. उनके लिए कॉलेज आना काफी महंगा होता जा रहा है. यहां भी कई लोग ऐसे थे जिन्हें किराये में बढ़ोतरी की जानकारी नहीं थी, लेकिन जब अधिक पैसे कटे तो वे ग्राहक सेवा केंद्र गए. छात्रों का एक ग्रुप मेट्रो परिसर के अंदर इसी विषय पर बात कर रहा था. इनमें से कुछ छात्रों ने कहा कि इस बढ़ोतरी के कारण उनका बजट ही बिगड़ गया है.

राजीव चौक पर किराये को लेकर बहस, शाम 4:30 बजे : राजीव चौक के गेट नंबर-5 पर किराए में बढ़ोतरी का विरोध करने और उसका समर्थन करने वाले लोग भी मिले. इन लोगों के बीच किराये में वृद्धि पर बहस कराई गई. अशोक कुमार और टीएन धींगरा अपने बुजुर्ग मित्रों के साथ मेट्रो के किराये में बढ़ोतरी का समर्थन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर बेहतर सुविधा लेनी है तो पैसे तो खर्च करने ही पड़ेंगे . उन्होंने कहा कि मेट्रो पहले से घाटे में चल रही है. अगर किराया नहीं बढ़ाया गया तो इसका हाल भी डीटीसी जैसा होगा. यहीं पर कुछ युवा किराये में वृद्धि का विरोध करते नजर आए. सचिन ने कहा कि सरकार ने चार महीने में दूसरी बार किराया बढ़ा दिया है. इससे न सिर्फ गरीब बल्कि मेट्रो में चलने वाले 80 फीसदी मध्यमवर्गीय श्रेणी के लोगों को भी दिक्कत आएगी. उन्होंने कहा कि लोगों की सैलरी बढ़ नहीं रही है, लेकिन दफ्तर तक पहुंचने का खर्च तेजी से बढ़ रहा है.एक युवक ने कहा कि वह छत्तरपुर से नोएडा आता है. पहले 23 रुपये लगते थे. फिर 41 रुपये लगने लगे और अब 54 रुपये. इससे बजट बिगड़ गया है.

‘मेट्रो का एक दिन के लिए बहिष्कार करें’

राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर किराया वृद्धि के खिलाफ युवाओं ने अभियान चलाया. एक दर्जन युवा किराये में बढ़ोतरी के खिलाफ लोगों से एक दिन के लिए मेट्रो का बहिष्कार करने की अपील कर रहे थे. अमित ने बताया कि पिछली बार किराया बढ़ाने का फैसला हुआ था तो उन्होंने लोगों से यह अपील की थी. इस अभियान की वजह से करीब 5 लाख कम लोगों ने मेट्रो की यात्रा की थी.

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