दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ा तो मेट्रो डूब जाएगी. पहली बढ़ोत्तरी के बाद डेढ़ लाख यात्री कम हुए थे. मेट्रो को रियल एस्टेट में काम करना चाहिए ताकि घाटा कम किया जा सके. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह बयान सोमवार को विधानसभा में दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र व भाजपा किराये को बढ़ाने की साजिश रच रहे हैं, जबकि वक्त की जरूरत है कि किराये को कम किया जाए.
इसके बाद सरकार ने मेट्रो किराया बढ़ाने के विरोध में संकल्प सदन से पारित कर दिया. इस दौरान सिसोदिया ने कहा कि जरूरत इस बात कि है कि किराया कम हो ताकि सड़कों से वाहनों का बोझ कम हो. इसे बढ़ाने से दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2.5 साल में मेट्रो के किसी काम को नहीं रोका है.
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किराया बढ़ाने के पीछे ओला और उबर जैसी कंपनियों को राहत देने की साजिश है. इससे इन कंपनियों को सीधा लाभ होगा. सरकार इस मामले में केंद्र और भाजपा की नीति का पर्दाफाश करेगी. मेट्रो को जनता के पैसे से व जनता के लिए तैयार किया गया है. दिल्ली सरकार इसको प्रीमियम सेवा नहीं बनने देगी. उन्होंने कहा कि इस आड़ में डीटीसी को भी बदनाम करने की कोशिश हो रही है. जबकि इस समय भी लोग मेट्रो से अधिक डीटीसी की सवारी कर रहे हैं.
रियल एस्टेट में कभी हासिल नहीं किया लक्ष्य
मेट्रो ने रियल एस्टेट में कभी लक्ष्य पूरा नहीं किया. पहले चरण में मेट्रो ने 300 करोड़ कमाए थे, जबकि, दूसरे चरण में 960 में से 209 व तीसरे चरण में 1086 करोड़ में से 370 करोड़ की कमाई की. यह जानकारी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी.
दिल्ली सरकार पूरा घाटा उठाए : भाजपा
किराया बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए अगर दिल्ली सरकार गंभीर है तो वह बढ़ी दरों का पूरा खर्च उठाए. ऑपरेशनल घाटे की भरपाई खुद करे, क्योंकि इसकी सीधी जिम्मेवारी दिल्ली सरकार की है. यह बयान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिया.
उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस बात को नकारा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार मेट्रो में बराबर की हिस्सेदार है. उन्होंने कहा कि मेट्रो के नियमों के अंतर्गत केवल दिल्ली सरकार ही ऑपरेशनल घाटे की भरपाई करने की जिम्मेवार है. गुप्ता ने कहा कि डीटीसी 34,000 करोड़ रुपये के घाटे में चल रही है. सरकार 4 बार डीटीसी की बसों के विस्तार का प्रस्ताव ला चुकी है परन्तु अभी तक एक भी बस को नहीं जोड़ा गया है. इस वजह से आम जनता की परेशानियां और बढ़ गईं हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार तीसरे और चौथे चरण में मेट्रो की योजनाओं को पूरा होने में हो रही देरी का जवाब दे. मेट्रो वर्तमान में 30 लाख यात्रियों को सफर करा रही है. मेट्रो लाइन नेटवर्क पूरा होने पर प्रति दिन 50 लाख यात्री यात्र करेंगे. तीसरे चरण की मेट्रो का कार्य 16 दिसंबर 2016 तक पूरा किया जाना था. लेकिन, दिल्ली सरकार की लापरवाही के कारण इसमें 15 महीने की देरी हुई है.
चौथे चरण में लगभग 40 लाख दूरदराज की आबादी के लिए मेट्रो लाइन बिछाई जानी है. जिन क्षेत्रों में चौथे चरण के मेट्रो लाइन की सुविधा पहुंचनी है वह मुख्यता बदरपुर, मदनगीर, संगम विहार, वसंत कुंज, महिपाल पुर, खजुरी खास, रिठाला, बवाना, नरेला, मौजपुर, भजनपुरा, तुगलकाबाद आदि हैं.
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने पटरी पर लेट मेट्रो रोकी
कांग्रेस के छात्रसंगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो रोककर किराये में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध किया. सुबह लगभग 11 बजे एनएसयूआई के लगभग 15 कार्यकर्ता सुरक्षा जांच के बाद प्लेटफार्म नम्बर दो पर पहुंचे. यहां मेट्रो किराए की बढ़ोतरी के विरोध में नारेबाजी करने लगे. लगभग 11.18 बजे एनएसयूआई के तीन कार्यकर्ता, इनमें दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष अक्षय लाखड़ा, शोर्यवीर सिंह और अजरुन चपराना मेट्रो के सामने पटरी पर उतर गए. छात्रों ने पटरी पर लेटकर किराये में बढ़ोतरी का प्रस्ताव वापस लेने और छात्रों को किराए में छूट के साथ पास देने की मांग की. यह नारे भी लगाते रहे.
हालात बिगड़ता देख सीआईएसएफ कर्मियों ने तत्काल प्रदर्शनकारियों को पटरियों से हटाया. छात्रों को पटरी से निकालकर स्टेशन खाली करवाया. इसके बाद मेट्रो का परिचालन शुरू हो सका. सीआईएसएफ प्रदर्शनकारी छात्रों को कश्मीरी गेट के मेट्रो के पुलिस थाने ले गए. अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर जुर्माना और कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है.