Cricket Update: ‘‘हम एक टीम के तौर पर फाइनल में आए. हम ने जो रास्ता लिया था, उस पर लोगों को शक था. हमारे बारे में कहा गया कि हम ने कमजोर टीमों के खिलाफ मैच खेले हैं. हम इस बात से खुश हैं कि हम अपना बैस्ट देने में कामयाब रहे.
‘‘एक देश के तौर पर हमारे पास एक मौका है. हम कई बार बंट जाते हैं. हमें इन सभी चीजों को भूलना होगा. इस पल को जीना होगा और एक होना होगा. मैं जानता हूं कि घर में हमारे लोग इस जीत का जश्न मना रहे होंगे. आप हम पर यकीन कर सकते हैं कि हम भी सैलिब्रेट कर रहे होंगे.’’
कभीकभार जीत के जश्न में भी कोई दर्द छिपा होता है. अपना यही दर्द दक्षिण अफ्रीका के तेंबा बावुमा ने भी बयां कर दिया. 14 जून, 2025 को इंगलैंड में लौर्ड्स के क्रिकेट मैदान पर दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में खेल के चौथे दिन जब दक्षिण अफ्रीका ने आस्ट्रेलिया को वर्ल्ड टैस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में 5 विकेट से हरा दिया, तो पैर की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से लड़खड़ाने वाले दक्षिण अफ्रीका के अश्वेत कप्तान तेंबा बावुमा का नम आंखों वाला चेहरा अलग ही कहानी बयां कर रहा था.
27 साल बाद ‘चोकर्स’ कही जाने वाली दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने ट्रौफी अपने नाम की और अपने माथे से यह कलंक भी मिटाया कि जीत की दहलीज पर जा कर यह टीम टांयटांय फिस हो जाती है.
इस फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 282 रन चाहिए थे, जबकि वह पहली पारी में महज 138 रन ही बना सकी थी, जबकि लौर्ड्स के मैदान पर दूसरी पारी में 300 के आसपास रन बनाने में जीत का फीसद महज 25 ही माना जाता है.
पर दक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेंबा बावुमा की 66 रन की साहसिक पारी, वह भी तब जब वे दर्द के मारे भाग कर रन लेने में दिक्कत महसूस कर रहे थे, ने साथी बल्लेबाज एडेन मार्करम को हौसला दिया और दक्षिण अफ्रीका ने यह ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया.
अब तेंबा बावुमा के कथन पर आते हैं कि ‘एक देश के तौर पर हमारे पास मौका है. कई बार हम बंट जाते हैं’. सवाल उठता है कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा? इस का जवाब यह है कि आज भी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद मिटा नहीं है. याद रहे कि यह वही देश है, जहां अश्वेत नेता नेल्सन मंडेला ने गोरेकाले के भेद को मिटाने के लिए अपनी जिंदगी जेल में सड़ा दी थी.
हालांकि, उन के इस लंबे आंदोलन के बाद साल 1994 में वहां रंगभेद को आधिकारिक तौर पर खत्म कर दिया गया था, पर आज इतने साल बाद भी यह सामाजिक बुराई जड़ से नहीं मिट सकी है.
इस बात को एक अश्वेत तेंबा बावुमा से बेहतर कौन सम?ा सकता है. उन्होंने इस जीत के जश्न में यह बात कह कर देश और दुनिया को जो संदेश दिया है, वह एक अच्छे लीडर की निशानी है, फिर चाहे वह किसी क्रिकेट टीम का कप्तान ही क्यों न हो.
ऐसे बना क्रिकेटर
दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन के लैंगा इलाके में जनमे तेंबा बावुमा बचपन में अपने दोस्तों के साथ गली क्रिकेट खेला करते थे. जब वे 10 साल के थे, तब उन्होंने स्कूल लैवल पर क्रिकेट खेलना शुरू किया था और साल 2008 में उन्होंने 18 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डैब्यू किया था.
इस के बाद घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते तेंबा बावुमा को साल 2014 के आखिर में वैस्टइंडीज दौरे के लिए टैस्ट टीम में शामिल किया गया था.
4 मार्च, 2021 को तेंबा बावुमा को क्विंटन डिकौक की जगह दक्षिण अफ्रीका के वनडे और टी20 इंटरनैशनल टीम का कप्तान बनाया गया था. वे किसी भी फौर्मैट में नैशनल टीम की कप्तानी करने वाले पहले अश्वेत अफ्रीकी बने थे.
इस के बाद 17 फरवरी, 2023 को वैस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की सीरीज से पहले तेंबा बावुमा को टैस्ट कप्तान बनाया गया था. उन्होंने डीन एल्गर की जगह ली थी.
तेंबा बावुमा ने अब तक दक्षिण अफ्रीका के लिए 64 टैस्ट, 48 वनडे और 36 टी20 मैच खेले हैं. टैस्ट मैचों में उन्होंने 38.22 की औसत से 3,708 रन बनाए हैं, जबकि वनडे मैचों में उन के नाम 43.97 की औसत से 1,847 रन हैं और टी20 मैचों में 21.61 की औसत से 670 रन हैं.
तेंबा बावुमा ने टैस्ट मैचों में 4 शतक और 25 अर्धशतक लगाए हैं, जबकि वनडे मैचों में 5 शतक और 7 अर्धशतक लगाए हैं. उन्होंने अभी तक अपनी कप्तानी में एक भी टैस्ट मैच नहीं गंवाया है. उन की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने 10 टैस्ट मैचों में से 9 मैचों में जीत हासिल की है, जबकि एक मैच बेनतीजा रहा है.
तेंबा बावुमा को यह ‘तेंबा’ नाम उन की दादी ने दिया था, जिस का मतलब ‘उम्मीद’ है. आज वे सच में दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम में उम्मीद की किरण बन कर आए हैं और देश को एक हो कर रहने की अपील ने इस किरण को और भी चमकदार बना दिया है.
दक्षिण अफ्रीका के लिए यह जीत इन के इंटरनैशनल क्रिकेट के सफर में एक मील का पत्थर साबित होगी. उन के खिलाडि़यों और आम जनता के अंदर एक नई ऊर्जा और एक नया आत्मविश्वास जगाने का काम करेगी. अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाडि़यों के कंधों के ऊपर से लगातार आखिरी पड़ाव पर हार का बोझ उतर चुका है. आने वाले समय में हम दक्षिण अफ्रीका को एक नए अंदाज में खेलते हुए देखेंगे. Cricket Update