एक देश एक चुनाव का बेमतलब का मुद्दा उठा कर भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक दलों का ध्यान बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, सरकार के पल्लू से बंधे हर रोज अमीर होते धन्ना सेठों, अरबों रुपए के सेठों के कर्जों की ओर से हटा देने की कोशिश कर रही है. यह कदम नरेंद्र मोदी का हर चुनाव जीत ही लेने की ताकत की पोल भी खेलता है.

एक चुनाव का मतलब है कि जब लोकसभा के चुनाव हों तभी विधानसभाओं के भी हों. शायद तभी शहरी कारपोरेशनों, जिला परिषदों और पंचायतों के भी हों. एकसाथ आदमी वोट देने जाए तो वह 4-5 चुनावों में एक बार वोट दे दे और फिर 5 साल तक घर बैठे, रोए या हंसे.

एक देश एक चुनाव का नारा एक देश एक टैक्स की तरह का है जिस ने हर चीज पर कुल मिला कर टैक्स पिछले 6 सालों में दोगुना कर दिया है. इसी के साथ एक विवाह नियम की बात भी होगी. फिर शायद कहना शुरू करेंगे कि सारी शादियां भी 5 साल में एक बार हों और बच्चे भी एकसाथ पैदा हों.

इस जमात का भरोसा नहीं है कि यह कौन सा शिगूफा कब ले कर खड़ी हो जाए. मोदी सरकार लगातार शिगूफों पर जी रही है. 2016 में नोटबंदी 2 घंटे में लागू कर दी गर्ई कि अब नकदी का राज खत्म, काला धन गायब. फिर टैक्स के बारे में यही कहा गया. फिर कोविड के आने पर एक देश एक दिन में लौकडाउन का शिगूफा छेड़ा गया. हर बार का वादे किए गए, जो कभी पूरे नहीं हुए.

अभी सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा कि एक देश एक कानून के हिसाब से धारा 370 जो कश्मीर से हटाई गई है उस के बाद वहां के हालात कब ठीक होंगे कि उसे केंद्र शासित राज्य की जगह दूसरों जैसी राज्य सरकार मिल सके.

एक ही मालिक है वाली सोच स्वयंसेवक संघ के सदस्यों को पहले दिन से पढ़ानी शुरू कर दी जाती है. मंदिरों, मठों में जिन के पास जनता की दान की गई अरबों की संपत्ति होती है एक बार ही, शायद जन्म से तय, बड़े महंत को गद्दी मिलती है, फिर उस के बेटे को. कहींकहीं जहां शादी की इजाजत न हो, वहां एक बार एक चेला महंत बना नहीं, वह जब तक चाहे गद्दी पर बैठेगा.

सरकार की मंशा एक देश एक ‘बार’ चुनाव की है, ठीक वैसे जैसे हिंदू संयुक्त परिवार में एक बार कर्ता बना तो हमेशा वही रहेगा चाहे जितना मरजी खराब काम करे. परिवार को तोड़ना पड़ता है, पार्टीशन होता है. मंदिरों में झगड़ेदंगे होते हैं, दूसरा बड़ा चेला मंदिर के दूसरे हिस्से पर जबरन कब्जा कर लेता है.

क्या यह देश में राजनीति में दोहराया जाएगा? क्या लेनिन, स्टालिन, माओ, हिटलर की तरह एक चुनाव का मतलब एक बार चुनाव होगा? नतीजा क्या हुआ, वह इन देशों के बारे में जानने से पता चल सकता है. व्यापारिक घरानों में एक बार चुनाव का मतलब व्यापारिक घर छूटना होता है. अंबानी का घरव्यापार टूटा, बिड़लों के टूटे तो एक हिस्से का 20,000 करोड़ एक अकाउंटैंट के हाथ लग गए.

खापों में एक बार मुखिया चुन लिया गया तो इस का मतलब होता है उस की धौंस, उस की उगाही, उस की बेगार कराने की ताकत. एक देश एक चुनाव जिसे एक ‘बार’ चुनाव कहना ठीक होगा. इसी ओर एक कदम है. फिर तो जैसे इंद्र अपनी गद्दी बचाने के लिए मेनकाओं का और वज्रों का इस्तेमाल करता था, भाजपा का एक बार चुना गया नेता करेगा. रूस के पुतिन और चीन के शी जिनपिंग ने 2 बड़े देशों को अब पतन की राह पर ले जाना शुरू कर दिया है. लाखों अमीर, पढ़ेलिखे रूसीचीनी भाग रहे हैं, फिर लाखों भारतीय भी भागेंगे.

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