श्वे ता इतनी खूबसूरत थी कि जो कोई भी उसे देखता, तो बस देखता ही रह जाता. वह ग्रेजुएट थी. दूसरे लोगों की तरह अजय भी श्वेता की खूबसूरती पर लट्टू हुए बिना न रह सका. उस ने राजेश की तकदीर पर ईर्ष्या भी की. इस के बावजूद अजय ने श्वेता के प्रति अपने मन में बुरी भावना का जन्म नहीं होने दिया.
देवरभाभी के रिश्ते के चलते वह उस से हंसीमजाक तो कर लेता था,
मगर उस के जिस्म से छेड़छाड़ नहीं करता था.
शादी के बाद राजेश जब कभी कंपनी के काम से शहर से बाहर जाता था, तो श्वेता की देखरेख की जिम्मेदारी अजय को ही दे जाता था. उसे अजय पर पूरा विश्वास था.
अजय और राजेश की दोस्ती उस समय से थी, जब वे दोनों 5वीं जमात में पढ़ते थे. दोनों का घर एकदूसरे से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर था. वे दोनों कोलकाता के रहने वाले थे.
बीकौम करने के बाद अजय को बैंक में नौकरी मिल गई. राजेश ने बीएससी किया था. उस ने दवा बनाने वाली एक बड़ी कंपनी जौइन कर ली.
कंपनी के काम से राजेश हर महीने 5-7 दिनों के लिए किसी न किसी शहर में चला जाता था.
एक हादसे में राजेश के मातापिता का देहांत हो गया था. उस के कोई भाईबहन नहीं थे.
अजय ने राजेश को तुरंत शादी करने की सलाह दी, तो उस ने उस की सलाह मान ली. मातापिता के देहांत के कुछ महीने बाद उस ने श्वेता से शादी कर ली.
अजय राजेश के विश्वास को नहीं टूटने देना चाहता था.
राजेश महीने में 2 हफ्ते टूर पर जाता, पर अजय को रात में अपने घर रोक लेता था. दोनों देर रात तक खूब बातें करते थे. उस दिन भी राजेश ने अजय को रात में अपने घर रोक लिया था.