Social Story: अब बबली को स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था. मांबाप ने सोचा कि वह पढ़ाई से बचना चाहती है, पर बबली अब गुमसुम रहने लगी थी. वह डाक्टर बनना चाहती थी, लेकिन अब स्कूल जाने के नाम पर उसे कंपकंपी आती थी. एक दिन स्कूल से फोन आया कि बबली ने बड़ा कांड कर दिया है. आखिर क्या किया था बबली ने, जो वह पुलिस हिरासत में चली गई?

‘‘बबली, ओ बबली... उठ न बेटा, स्कूल के लिए लेट हो जाएगी. फिर पता है न, तेरे सर भी गुस्सा करेंगे. चल, उठ जल्दी से तैयार हो जा, मैं रसोई में नाश्ता बनाने जा रही हूं.’’

‘‘मम्मी, मुझे सोने दो न. आज मुझे स्कूल नहीं जाना है.’’

‘‘क्या हो गया है तुझे? पहले जब छोटी थी, कितना खुश होती थी स्कूल जाने के नाम पर. जैसेजैसे बड़ी होती जा रही है, मति मारी गई है. रोज का तेरा यही राग है, स्कूल नहीं जाना, स्कूल नहीं जाना. अगर स्कूल नहीं जाएगी तो बिना पढ़े ही डाक्टर बन जाएगी क्या? या नहीं बनना डाक्टर?’’

फिर बबली को चिढ़ाते हुए मम्मी ने आगे कहा, ‘‘चल, ठीक है. तुझे तो डाक्टर बनना नहीं, छुटकी बन जाएगी डाक्टर. तू सो जा आराम से,’’ कहते हुए वे वहां से जाने लगीं.

बबली उठ कर मां का हाथ पकड़ते हुए बोली, ‘‘किस ने कहा मुझे डाक्टर नहीं बनना... और छुटकी जब वकील बनना चाहती है, तो क्यों उसे आप जबरदस्ती डाक्टर बनाएंगी? डाक्टर तो मैं ही बनूंगी. लेकिन मम्मी, यह स्कूल अच्छा नहीं है, मुझे किसी और स्कूल में भेज दो.’’

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