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सुरेश मन ही मन खुश हो गया कि चलो एक नारियल तो कटेगा. पर वह सीधी बड़ी दुकान में चली गई. वह मन मसोस कर रह गया. ढेर सा सामान खरीद कर वह बाहर निकली. एक पल के लिए उस ने सुरेश को देखा और उस की मेज के पास आई और पूछा ‘‘कितने में दिया है नारियल?’’

‘‘मैडमजी, बड़ा 20 रुपए का और छोटा वाला 15 रुपए का,’’ सुरेश ने नारियल हाथ में उठा कर दिखाते हुए कहा.

‘‘एक 20 रुपए वाला काट दो,’’ उस मैडम ने कहा. उस मैडम के कपड़ों से एक अजीब सी महक आ रही थी जो सुरेश को बहुत ही अच्छी लग रही थी मानो कहीं मोगरे या गुलाब के फूल खिले हों. उस ने 3 बार में नारियल को छील कर नारियल में एक स्ट्रा डाल कर मैडम की ओर बढ़ा दिया.

मैडम ने नारियल के पानी को पीना शुरू किया. 2-3 मिनट में पी लिया और कहने लगीं, ‘‘तुम लोग बहुत ठगने लगे हो...’’

‘‘क्यों मैडमजी?’’

‘‘नारियल में कितना कम पानी था.’’

‘‘एक और काट देता हूं.’’

‘‘ताकि तेरे एक नारियल के रुपए और बन जाएं,’’ मैडम ने कहा.

‘‘नहीं मैडमजी, ऐसी बात नहीं है,’’ कह कर बिना मैडम की इच्छा जाने उस ने एक और नारियल काट कर सामने कर दिया.

थोड़े से संकोच के बाद मैडम ने नारियल ले लिया. वह बड़ी उम्मीद से तारीफ सुनने के लिए मैडम को देख रहा था.

मैडम ने पानी पीया, फिर नारियल को एक ओर पटक दिया और 50 रुपए का नोट दिया. सुरेश ने 30 रुपए मैडम को वापस किए.

मैडम ने रुपए देखे, ‘‘अरे, यह क्या, 2 नारियल लिए?हैं.’’

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