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‘‘मतलब इसलिए, क्योंकि आप इन से नहीं मिली हो. मैं तुम सब को एकदूसरे का परिचय देता हूं. यह दुर्गा जयप्रकाश की पहली पत्नी है. 10 साल पहले शादी हुई. ये हैं काली, दूसरी पत्नी, शादी 3 साल पहले हुई. अब आप बताएं, आप तीसरी पत्नी, शादी कब हुई?’’

यह सुन कर नर्स शांत बैठी रही, कुछ नहीं बोली.

दुर्गा बोली, ‘‘करमजली, क्या सोच कर शादी की?’’

काली ने कटाक्ष किया, ‘‘मोटी आसामी को फांस लिया. क्या सोचा था, मोटी रकम ऐंठने के लिए शादी की?’’

‘‘आराम से बात करो. ऐसे किसी बात को सुलझा नहीं सकेंगे,’’ देवराज सब को शांत करवाता है.

देवराज नर्स से सवाल करता है, ‘‘देखो, अब आप को मालूम हो गया है कि जयप्रकाश शादीशुदा है, एक नहीं  2 पत्नियों का पति है. आप बताओ कि आप ने क्या सोच कर जयप्रकाश से शादी की?’’

नर्स रोने लगी, ‘‘मुझे क्या पता था कि जय पहले से शादीशुदा है. गबरू जवान, 25 साल का जवान लगता है, सरकारी नौकरी, अपना मकान. शादी कर ली. हर लड़की यही तो चाहती है.’’

देवराज ने आगे पूछा, ‘‘आप जय से पहली बार कब मिली थी?’’

नर्स ने बताया, ‘‘3 महीने पहले जय नर्सिंगहोम आया था, अपने दोस्त से मिलने, मुलाकात हुई, मुझे जय से मिलना अच्छा लगा. फिर मिलते रहे और पिछले महीने शादी कर ली.’’

देवराज ने समझने की कोशिश की, ‘‘शादी की, मगर उस के घर वालों से मिली क्या? कुछ जानने की कोशिश की क्या?’’

‘‘जय का घर जालंधर में है. उस ने बताया कि उस के मातापिता प्रेम विवाह के खिलाफ हैं, इसलिए हम ने कोर्ट मैरिज की.’’

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