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सरस सलिल भोजपुरी सिने अवार्ड्स 2025
कहानी

तीसरी: आखिर जयप्रकाश किससे डर रहा था

हांफते हुए जयप्रकाश ने देवराज के घर की घंटी बजाई. सुबह 6 बजे का समय हो रहा था. आंखें मलते हुए देवराज ने दरवाजा खोला. दरवाजा खुलते ही झट से जयप्रकाश बदहवासी की हालत में घर के अंदर छिपने की जगह ढूंढ़ने लगा.

  • Digital Team
  • ,
  • Sep 14, 2021
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भाग - 1

देवराज जयप्रकाश को अंदर के कमरे में बिस्तर पर लेट कर आराम करने को कहता है. सुनीता चाय के साथ बिसकुट ले कर आती है.

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भाग - 2

रात के 8 बजे नर्सिंगहोम में डाक्टरों और नर्सों की ड्यूटी बदली. नाइट शिफ्ट की नर्स ने कमरे में प्रवेश किया. जयप्रकाश को देख कर वह सुबकसुबक कर रोने लगी.

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भाग - 3

देवराज और सुनीता चुपचाप तमाशा देखते रहे. डाक्टर, वार्डबौय और नर्सों के पास भी कोई इलाज नहीं था.

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