Long Hindi Story: ‘‘आ ओ, तुम यहां बैठ जाओ,’’ समीर ने प्रीति को अपने बगल में खड़ा देखा तो अपनी सीट से उठते हुए कहा.

‘‘नहीं, तुम बैठो, मुझे अगले स्टैंड पर उतरना है.’’

‘‘तुम बैठो, तुम्हें खड़ा होने में तकलीफ हो रही है,’’ उस ने फिर आग्रह किया तो प्रीति उस की सीट पर बैठ गई.

बस में खचाखच भीड़ थी. तिल भर भी पैर रखने की जगह नहीं थी. प्रीति का एक पैर जन्मजात खराब था. इसलिए थोड़ा लंगड़ा कर चलती थी. नीलम ठीक उस के पीछे खड़ी थी. मुसकराती हुई बोली, ‘‘चलो तुम्हारी तकलीफ समझाने वाला कोई तो मिला.’’

अगले स्टैंड पर दोनों सहेलियां उतर गईं. समीर भी उन के पीछेपीछे उतरा.

‘‘तुम्हारी सहेली के साथ मैं ने अन्याय किया,’’ वह प्रीति को देखते हुए मुसकरा कर बोला, ‘‘लेकिन क्या करूं, सीट एक थी और तुम दो.’’

‘‘कोई बात नहीं, अगली बार तुम मुझे लिफ्ट दे देना,’’ नीलम भी मुसकराते हुए बोली तो समीर ने पूछा, ‘‘वैसे, तुम दोनों यहां कहां रहती हो?’’

‘‘बगल में ही, गौरव गर्ल्स होस्टल में,’’ नीलम ने बताया.

‘‘अच्छा है, अब तो हमारा इसी स्टैंड से कालेज आनाजाना होता रहेगा. मैं भी थोड़ी दूर पर ही रहता हूं. मेरे बाबूजी एक कंपनी में जौब करते हैं और यहीं उन्होंने एक अपार्टमैंट खरीदा हुआ है.’’ समीर, प्रीति और नीलम एक ही कालेज में थे. आज कालेज में उन का पहला दिन था.

प्रीति आगरा की रहने वाली थी और नीलम लखनऊ की. दोनों गौरव गर्ल्स होस्टल में एक रूम में रहती थीं. प्रीति के पिताजी एक अच्छे ओहदे वाली सर्विस में थे, किंतु असमय उन का देहांत हो गया था जिस के कारण उस की मां को अनुकंपा के आधार पर उसी औफिस में क्लर्क की नौकरी मिल गई थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
  • 24 प्रिंट मैगजीन

डिजिटल

(1 महीना)
USD4USD2
 
सब्सक्राइब करें

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
  • 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
  • चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
 
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...