इस नए औफिस में काम करते हुए मुझे 3 महीने ही हुए हैं और अब तक मेरे सभी सहयोगी जान चुके हैं कि मैं औफिस की ब्यूटी क्वीन मानसी को बहुत चाहता हूं. मुझे इस बात की चिंता अकसर सताती है कि जहां मैं उस से शादी करने को मरा जा रहा हूं, वहीं वह मुझे सिर्फ अच्छा दोस्त ही बनाए रखना चाहती है.
मानसी और मेरे प्रेम संबंध में और ज्यादा जटिलता पैदा करने वाली शख्सीयत का नाम है, शिखा. साथ वाले औफिस में कार्यरत शोख, चंचल स्वभाव वाली शिखा अकेले में ही नहीं बल्कि सब के सामने भी मेरे साथ फ्लर्ट करने का कोई मौका नहीं चूकती है.
‘‘दुनिया की कोई लड़की तुम्हें उतनी खुशी नहीं दे सकती, जितनी मैं दूंगी. खासकर बैडरूम में तुम्हारे हर सपने को पूरा करने की गारंटी देती हूं,’’ शादी के लिए मेरी ‘हां’ सुनने को शिखा अकेले में मुझे अकसर ऐसे प्रलोभन देती.
‘‘तुम पागल हो क्या? अरे, किसी ने कभी तुम्हारी ऐसी बातों को सुन लिया, तो लोग तुम्हें बदनाम कर देंगे,’’ उस की बिंदास बातें सुन कर मैं सचमुच हैरान हो उठता.
‘‘मुझे लोगों की कतई परवा नहीं और यह साबित करना मेरे लिए बहुत आसान है कि मैं गलत लड़की नहीं हूं.’’
‘‘तुम यह कैसे साबित कर सकती हो?’’
‘‘तुम मुझ से शादी करो और अगर सुहागरात को तुम्हें मेरे वर्जिन होने का सुबूत न मिले तो अगले दिन ही मुझ से तलाक ले लेना.’’
‘‘ओ, पागलों की लीडर, तू मेरा पीछा छोड़ और कोई नया शिकार ढूंढ़,’’ मैं ने नाटकीय अंदाज में उस के सामने हाथ जोड़े, तो हंसतेहंसते उस के पेट में दर्द हो गया.