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राजेश पानी के जहाज पर ट्रेनिंग अफसर था. वह दूर देशों की यात्रा करता था. एक बार वह अपने सफर में आस्ट्रेलिया पहुंचा. वहां उस की मुलाकात 16 साल की लड़की मारिया से हुई. थोड़े ही वक्त में उन की दोस्ती बहुत गहरी हो गई.

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जहाज खुलने ही वाला था, इसलिए राजेश नीचे नहीं जा सका. मारिया तब तक हाथ हिलाती रही, जब तक कि जहाज तट से दूर नहीं चला गया.

जहाज सागर की ऊंची लहरों पर हिचकोले खा रहा था. राजेश के मन में भी उथलपुथल मची थी. वह सोच रहा था कि मारिया से अब मिलना मुमकिन होगा भी या नहीं, क्योंकि मन ही मन वह उसे चाहने लगा था. खैर, डेढ़ महीने बाद आस्ट्रेलिया के अलगअलग बंदरगाहों से होता हुआ जहाज अब वापसी के सफर पर था.

एक दिन राजेश मैलबौर्न के तट पर खड़ा था. वहां उसे 2 दिन रुकना था. पहले दिन शाम को राजेश क्लब गया. वहां उसे हिंदी गाने सुनने को मिले और उन्हीं गानों पर आस्ट्रेलियन लड़की के साथ डांस किया. पर उस का मन सोच रहा था कि कहीं मारिया मिल जाती, तो यहां एकांत में कुछ मन की बात कह सकता था. पर फिलहाल ऐसा नहीं हुआ और वह जहाज पर लौट गया.

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राजेश की शिफ्ट सुबह 4 बजे से ले कर 8 बजे तक की थी, पर जब वह सुबह 8 बजे अपने केबिन में लौटा, तो अंदर भीनीभीनी जानीपहचानी खुशबू का एहसास हुआ. उसे लगा, जैसे मारिया आसपास है.

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