आज फिर जाहिदा को देखने आया लड़का शकील मुंह बना कर बाहर निकल गया. उस के साथ आए उस के मांबाप ने घर लौट कर लड़की पसंद नहीं आने का जवाब भिजवा दिया.

पिछले तकरीबन 5-6 सालों से यही सिलसिला चल रहा था. इस बीच 17 लड़के वालों ने जाहिदा पर ‘नापसंद’ की मुहर लगा दी थी.

लेकिन आज तो जाहिदा का सब्र जवाब दे गया. लड़के वालों के घर से बाहर निकलते ही वह भाग कर अपने कमरे में बिस्तर पर पड़ी कई घंटों तक रोती रही.

जाहिदा की बेवा मां शरीफन उस के लिए काबिल दूल्हा ढूंढ़ढूंढ़ कर थक गई थीं. जो भी लड़का आता जाहिदा का सांवला रंग देख कर उलटे पैर लौट जाता. नौबत यहां तक आ गई थी कि 10वीं जमात फेल और आटोरिकशा चलाने वाले लड़कों तक ने उस से शादी करने से इनकार कर दिया था.

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साइकिल रिपेयर करने की दुकान से परिवार पालने वाले जाहिदा के अब्बा नासिर खां की मौत के बाद बेवा हुई शरीफन ने बामुश्किल अपनी 3 बेटियों को पालपोस कर बड़ा किया था. उन्होंने सिलाईकढ़ाई कर के जैसेतैसे 2 बेटियों अंजुम और जरीना की शादी भी की लेकिन सब से बड़ी बेटी जाहिदा का रिश्ता तय करने में उन्हें बहुत मुश्किलें आ रही थीं. उस का सांवला रंग हमेशा रिश्ता होने में आड़े आ जाता था.

हर बार नापसंद किए जाने के बाद जाहिदा को गहरा सदमा लगता और वह घंटों तक रोती रहती.

जाहिदा बचपन से ही पढ़नेलिखने में काफी होशियार थी. उस ने 10वीं जमात से ले कर बीएससी तक का इम्तिहान फर्स्ट डिविजन में पास किया था. उस की अम्मी शरीफन मामूली पढ़ीलिखी घरेलू औरत थीं. लेकिन वक्त की ठोकरों ने उन्हें मजबूत बना दिया था. गुजरे सालों में जाहिदा के रिश्ते में आ रही दिक्कतों की वजह से वे हमेशा फिक्र में डूबी रहती थीं.

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