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पिछले अंक में आप ने पढ़ा:

किसना देर रात कुछ रुपए घर ले कर आया था, पर वे उस की तनख्वाह के थे या नहीं, वह नहीं बता रहा था. वह थोड़ा घबराया सा था. उस की पत्नी कमली खुश हो गई कि वह इन पैसों से घर का सामान खरीदेगी. अगले दिन वह काम पर चली गई. वहां उस के मालिक के घर पर एक खबरिया चैनल से पता चला कि उस के इलाके में किसी की हत्या हो गई है. वह घबरा कर जल्दी घर जाने लगी. बस्ती में पहुंची तो देखा कि वहां लोगों का जमघट लगा था.

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कमली की आंखों के सामने बारबार मरने वाले का चेहरा आ रहा था.

माहौल की गरमी से डरतीझुलसती कमली अपनी झोंपड़ी तक पहुंची, पर पता नहीं क्यों अंदर का माहौल बड़ा ही ठंडा सा था. किसना उसे देखते ही खुश हो गया. वह बोला ‘‘अरे वाह. अच्छा हुआ, जो तू जल्दी आ गई. मैं चिकन लाया हूं, झट से पका दे. मुझे तो बड़े जोरों की भूख लगी है. मैं ने मसाला पीस रखा है.’’

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कमली नाक और मुंह पर कपड़ा बांध कर चिकन बनाने में जुट गई. शुद्ध शाकाहारी कमली अभी भी हाथ से चिकन छू नहीं पाती थी, सो चमचे की मदद से उठाउठा कर पकाने में जुट गई.

‘उफ, आज तो मेरा उपवास हो गया,’ कमली ने सोचा, क्योंकि जिस दिन मांस पकता था, उस दिन वह खाना नहीं खा पाती थी. पर पति और ससुर की खुशी के लिए वह बना जरूर देती.

‘‘अरे, तुम ने कुछ सुना क्या... कल किस की हत्या हो गई बस्ती में? टैलीविजन पर देख कर मैं 5 नंबर वाली के यहां से काम छोड़ कर दौड़ी चली आई,’’ कमली बारबार पूछ रही थी, पर मानो किसना के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही थी.

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